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Parag Honour List 2020 is a curated collection of outstanding books in English and Hindi for children and young adults by Parag Initiative of Tata Trusts. This list, published annually, comprises noteworthy books of the year with brief information about each title. It has been created with careful screening and multiple reviews by experts in the children’s literature sector. The list aims to promote access to a comprehensive, curated list of good quality children’s literature that librarians, teachers, parents, and children can refer to and read.
To download – Parag Honour List 2020 (English)
To download – Parag Honour List 2020 (Hindi)
Mini Shrinivasan is a children’s writer and teacher educator based in Pune. She has worked extensively in the field of early childhood and primary education for children in rural schools. Her books for pre-teens have won the Sahitya Akademi Bal Sahitya Puraskar and the Hindu Young World award. She also writes for very young, early learners. In her free time she tries unsuccessfully to draw and sing.
Mini Shrinivasan is a children’s writer and teacher educator based in Pune. She has worked extensively in the field of early childhood and primary education for children in rural schools. Her books for pre-teens have won the Sahitya Akademi Bal Sahitya Puraskar and the Hindu Young World award. She also writes for very young, early learners. In her free time she tries unsuccessfully to draw and sing.
Sandhya Rao worked for many years in mainstream print media as an editor and writer before she seamlessly slipped into the world of children’s publishing. She is the author of several books and has translated Astrid Lindgren’s Pippi Långstrump into Hindi. Based in Chennai, she works freelance and enjoys the challenge of new discoveries. She believes that when we share food and stories, we give ourselves a better chance.
Sandhya Rao worked for many years in mainstream print media as an editor and writer before she seamlessly slipped into the world of children’s publishing. She is the author of several books and has translated Astrid Lindgren’s Pippi Långstrump into Hindi. Based in Chennai, she works freelance and enjoys the challenge of new discoveries. She believes that when we share food and stories, we give ourselves a better chance.
Usha Mukunda is a passionate advocate of conversations around books with children and young adults. She has been happily engaged in such interactions for 35 years. She is also deeply interested in learning about, and sharing the nuances of good literature for children. Usha is a well-known children’s librarian who has set up and run many school libraries. She is founding faculty of Parag’s Library Educators Course. Her greatest wish is to enable discernment of good books in herself, and in readers wherever they may abide.
Usha Mukunda is a passionate advocate of conversations around books with children and young adults. She has been happily engaged in such interactions for 35 years. She is also deeply interested in learning about, and sharing the nuances of good literature for children. Usha is a well-known children’s librarian who has set up and run many school libraries. She is founding faculty of Parag’s Library Educators Course. Her greatest wish is to enable discernment of good books in herself, and in readers wherever they may abide.
अरुण कमल हिंदी के कवि एवं निबंधकार हैं। उनके छह कविता संग्रह, तीन चयन तथा साहित्यिक निबंधों की पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। उन्होंने बच्चों के लिए दो किताबें लिखी हैं, जिनके नाम “हवा मिठाई” और “एक चोर की चौदह रातें” हैं। अरुण कमल पटना विश्वविद्यालय में अंग्रेज़ी के प्राध्यापक रहे हैं। उन्हें कविता के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार (1998), भारतीय भाषा परिषद का समग्र कृतित्व सम्मान समेत अनेक पुरस्कार मिले हैं।
अरुण कमल हिंदी के कवि एवं निबंधकार हैं। उनके छह कविता संग्रह, तीन चयन तथा साहित्यिक निबंधों की पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। उन्होंने बच्चों के लिए दो किताबें लिखी हैं, जिनके नाम “हवा मिठाई” और “एक चोर की चौदह रातें” हैं। अरुण कमल पटना विश्वविद्यालय में अंग्रेज़ी के प्राध्यापक रहे हैं। उन्हें कविता के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार (1998), भारतीय भाषा परिषद का समग्र कृतित्व सम्मान समेत अनेक पुरस्कार मिले हैं।
मनोज पिछले दो दशकों से हिन्दी साहित्य और स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होने नब्बे के दशक में दिल्ली विश्विद्यालय से हिन्दी साहित्य में एम. ए. और एम. फिल. की डिग्री हासिल की और कुछ समय तक अलग-अलग विश्वविद्यालयों में हिन्दी भाषा और साहित्य का अध्यापन किया। सम्प्रति वे अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में ‘हिन्दी भाषा-शिक्षण’ और ‘शिक्षा के समाजशास्त्र’ के अध्यापन से जुड़े हुए हैं। ‘बाल साहित्य’ के क्षेत्र में मनोज की विशेष रुचि है क्योंकि यह शैक्षिक गतिविधि का एक ऐसा क्षेत्र हैं जिसमें शिक्षा के साथ साहित्यिक और सौंदर्यशास्त्रीय विमर्श की गुंज़ाइश है।
मनोज पिछले दो दशकों से हिन्दी साहित्य और स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होने नब्बे के दशक में दिल्ली विश्विद्यालय से हिन्दी साहित्य में एम. ए. और एम. फिल. की डिग्री हासिल की और कुछ समय तक अलग-अलग विश्वविद्यालयों में हिन्दी भाषा और साहित्य का अध्यापन किया। सम्प्रति वे अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में ‘हिन्दी भाषा-शिक्षण’ और ‘शिक्षा के समाजशास्त्र’ के अध्यापन से जुड़े हुए हैं। ‘बाल साहित्य’ के क्षेत्र में मनोज की विशेष रुचि है क्योंकि यह शैक्षिक गतिविधि का एक ऐसा क्षेत्र हैं जिसमें शिक्षा के साथ साहित्यिक और सौंदर्यशास्त्रीय विमर्श की गुंज़ाइश है।
तेजी ग्रोवर कवि, कथाकार, चित्रकार, अनुवादक हैं। बाल-साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए उन्होंने कई बाल-पुस्तकें भी तैयार की हैं। उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है। इनकी कविताएँ देश-विदेश की तेरह भाषाओँ में, और नीला शीर्षक से एक उपन्यास और कई कहानियाँ पोलिश और अंग्रेजी में अनूदित हैं । अभी तक चित्रों की सात एकल और तीन समूह प्रदर्शनियां देश-विदेश में हो चुकी हैं। 2019 में उन्हें वाणी फाउंडेशन विशिष्ट अनुवादक सम्मान, और स्वीडन के राजा और रानी द्वारा “रॉयल आर्डर ऑफ़ पोलर स्टार (Knight)” की उपाधि प्रदान की गयी ।
तेजी ग्रोवर कवि, कथाकार, चित्रकार, अनुवादक हैं। बाल-साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए उन्होंने कई बाल-पुस्तकें भी तैयार की हैं। उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है। इनकी कविताएँ देश-विदेश की तेरह भाषाओँ में, और नीला शीर्षक से एक उपन्यास और कई कहानियाँ पोलिश और अंग्रेजी में अनूदित हैं । अभी तक चित्रों की सात एकल और तीन समूह प्रदर्शनियां देश-विदेश में हो चुकी हैं। 2019 में उन्हें वाणी फाउंडेशन विशिष्ट अनुवादक सम्मान, और स्वीडन के राजा और रानी द्वारा “रॉयल आर्डर ऑफ़ पोलर स्टार (Knight)” की उपाधि प्रदान की गयी ।