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टके थे दस

ऐसी कितनी ही कविताएं और गीत हैं जो बचपन में खेल का अनिवार्य हिस्सा रही हैं। टके थे दस भी उन्हीं में से एक है। लेकिन इसमें लोकगीत की खुशबू है। उलटी गिनती में चलने वाला ये गीत अपने हर अंक में एक मस्ती समेटे हुए है। इसमें लोक जीवन की हंसी ठिठोली है और रोज़मर्रा के जीवंत चित्र हैं। सेठ जी का पात्र हमें उन सब चरित्रों से मिलवाता है जो कहीं छुपे रहते हैँ और दृश्य बनकर आते हैं।

जुगनू प्रकाशन 2021 अतनु राय

जुगनू भाई

जुगनू भाई एक चित्रांकित कविता है जिस में एक जुगनू और अन्य कीड़ों की रात में मुलाकात होती है। किताब में खूबसूरत रंगीन चित्र हैं जो रात के दृश्य को एक अलग अंदाज़ में पेश करते हैं। छोटे बच्चों के लिए यह बहुत ही उचित किताब है। कविता के शब्द और चित्र मिलकर एक सौम्य और अनूठा अनुभव देते हैं। चित्रों में रात का अंधेरा और उसमें हल्की-हल्की रोशनी को काले पन्नों पर अनोखे ढंग से उतारा गया है।

जुगनू प्रकाशन 2022 बालस्वरूप राही हिमांशु उजिनवाल

दुनिया मेरी

इस किताब में बचपन के नानारूपों को रंगों और कूची से उकेरा गया है। जिनमें रोना-हँसना, घूमना-फिरना, चलना-चलाना, देखना-दिखाना के साथ ही रचना, कल्पनाओं व मस्ती के भावपूर्ण रंग हैं। दुनिया एक बच्ची है और उसकी अपनी एक दुनिया है किताब में। कविता बहुत आकर्षक है जिसमें कई बिंब और कल्पनाएँ उभरती हैं। बहुत कुछ कहते बेहतरीन चित्रों और विचारशील कविता की जुगलबंदी से बनी एक न्यारी चित्र पुस्तक। उत्कृष्ट आकल्पन और प्रस्तुति इसे और भी सुन्दर बनाती है।

जुगनू प्रकाशन 2022 गुलज़ार फ्रीडा शॉ, एलन शॉ

अम्मा

यह चित्र कथा एक मेले में अम्मा के खोने, और बच्चे द्वारा अम्मा को तलाशने की कहानी है। यह कहानी मेले के बहुरूप चित्रों के माध्यम से मेले का विस्तृत व बहुसांस्कृतिक परिवेश गढ़ती है। अम्मा को खोजते बच्चे का कुछ सोचना और फ़िर भागकर महिला पुलिस से पूछना ‘क्या आपने इस मेले में एक ऐसी अम्मा को देखा, जिसके पास मेरे जैसा बच्चा नहीं है?’ सवाल से बच्चे की त्वरित सूझबूझ और सहज भोलेपन का जो रूप उभरता है, वह इसे एक दिलचस्प व नायाब रचना बनाता है।

जुगनू प्रकाशन 2021 कविता सिंह काले कविता सिंह काले

अकेली चींटी

एक नन्ही किताब जिसमें बहुत ही सरलता से एक चींटी की कहानी पिरोई गई है। जैसे बच्चे अक्सर चींटियों की कतार के पीछे-पीछे चलते हैं, वैसे ही लेखक और चित्रकार हमें एक अकेली चींटी के साथ सैर कराते हैं। इस किताब के ज़रिये मिलिए एक ऐसी चींटी से जो कई मुश्किलों का सामना करती है और अपने साहस के बल पर एक नया रास्ता खोजती है। एक अनोखी किताब जो बच्चों और वयस्क पाठकों का मन जीत लेगी।

जुगनू प्रकाशन 2022 चन्दन यादव श्रीनिवास बालकृष्ण

केरल के केले

इस संकलन की कविताओं का विषय चयन, ताल लय और शब्दों का सहज दोहराव इन्हें बच्चों की पसंदीदा रचनाएँ बनाता है । कुछ कविताएँ बच्चे मज़े-मज़े यादकर गुनगुना सकते हैं। समृद्ध व सादगीपूर्ण भाषा में रची कविताएँ , शिक्षकों के लिए बच्चों को भाषा सिखाने का एक बढ़िया संसाधन उपलब्ध कराती हैं । ‘धम्मक धम्मक आता हाथी’ और ‘ऊँट चला’ जैसी चर्चित रचनाओं में जीवों के चालढाल और रहन सहन का सुन्दर, सजीव चित्रण लुभाता है। सादगी भरे चित्र कविताओं के साथ बोलते- डोलते से लगते हैं और इन्हें नया अर्थ देते हैं।

जुगनू प्रकाशन 2021 प्रयाग शुक्ल देबब्रत घोष

एक कहानी

‘एक कहानी’ सात सम्मोहक कहानियों का विरल संग्रह है।यहाँ बचपन के अनुभव और स्मृतियाँ कल्पना का मेल पाकर विलक्षण कथा-रूपों में बदल जाती हैं।इन कहानियों  का जादुई और अतीन्द्रिय लोक हमारी कल्पना-शक्ति को उद्दीप्त  करता है और सब कुछ को पुन: नये नये तरीक़े से देखने को बाध्य करता है।भाषा का ऐसा खेल और अप्रत्याशित संयोजन विस्मित करता हुआ हमें वस्तुओं के अंदरूनी जगत में ले जाता है।यहाँ लोक कथाओं- सी सादगी और बनक है और विज्ञान कथाओं का रोमांचक रहस्य-बोध ;लेकिन अपनी दृष्टि और भाषा-व्यवहार में बिल्कुल अनूठा,अप्रमेय।

जुगनू प्रकाशन 2021 विनोद कुमार शुक्ल अतनु रॉय

बीस कचौड़ी पूड़ी तीस

किताब में सुविख्यात बाल साहित्य लेखक श्रीप्रसाद द्वारा बच्चों के लिए रची गई कविताओं को संजोया गया है। जिनमें बालमन की गहराइयाँ हैं, जीव-जीवन का स्पंदन है, रिश्तों की गरमाहट है, मनोरंजन, कौतुक और ज्ञान-विज्ञान है। शब्दों के खेल, सवाल और वह सब कुछ जो बच्चों को भाता है। कविताओं में यह सब इतना सहज,स्वाभाविक और लयबद्ध है कि बार बार पढ़ने-गुनगुनाने का मन करता है। चित्र प्रभावशील और कविताओं को उभारते से लगते है।‘ पौधा तो जामुन का ही था’ और ‘हाथी चल्लम चल्लम’ बहुत दिलचस्प हैं । ये कविताएँ हिंदी के आधुनिक बाल साहित्य की एक परम्परा से रूबरू कराती हैं।

जुगनू प्रकाशन 2021 श्री प्रसाद प्रोइती रॉय