Loading...

Kaisa Kaisa Khana

बच्चों को शब्दों को उलट-पुलट कर देखना अच्छा लगता है। यह किताब पढ़ना सीख रहे शुरुआती पाठकों को कुछ ऐसा ही आनंद देगी। एक शब्द ‘खाना’ को लेकर पूरी किताब में चुहल की गई है। किन-किन शब्दों के साथ खाना शब्द जुड़ता है और कैसे-कैसे संज्ञाओं और क्रियाओं को रचता है इसे लेखक और चित्रकार ने आनंद लेकर दिखाया है। यह सही अर्थों में एक चित्र-पुस्तक है। भाषा और छवियों की साझेदारी इस किताब में दिखती है। यह इस वर्ष की एक अच्छी, आनंददायक किताब है।

Jugnoo Prakashan (Ektara) 2020 Prabhat Allen Shaw

Qutb Minaar Ke Ped

क्या आपको पता था कि कभी कौआ क़ुतुब मीनार को अपनी साइकिल पर लाद ले गया था? या कि जब पापा को डॉक्टर के पास जाना पड़ा था तो क्या ग़ज़ब हुआ था? यह कहानी संकलन गुदगुदाता भी है और लोकजीवन की झलकियाँ भी देता है। भाषा का कमाल, शब्दों का खेल और संवाद गठे हुए तथा नुकीले हैं। इसके चित्र रंग बिरंगे हैं और कहानियों को ठोस या मूर्त बनाने में मदद करते हैं। चित्रों में कहानियों जैसी गतिशीलता है।

Jugnoo Prakashan (Ektara) 2023 Prabhat Kavita Singh Kale

Registaan Mein Bus

अनेक विषयों, वस्तुओं पर रची गयीं कविताओं का यह गुच्छा शिशु गीतों की तरह सरल और सम्मोहक है। यहाँ हाट और गुड़ से लेकर बकरिय़ाँ, शेर और रेगिस्तान भी हैं। कल्पना की उड़ान और कौतुक से सम्पन्न इनकी भाषा का अपना मजा है। ये कविताएँ प्रत्येक वस्तु, जीव और व्यक्ति को नयी नजर से देखने व समझने को आमंत्रित करती हैं, जैसे गाँधी जी और मक़बूल फ़िदा हुसैन पर लिखी कविताएँ, और हमें जीवन की विविधता तथा बहुलता में ले जाती है। चटख रंगों और चौड़ी कूँची वाले चित्र कविता को भित्ति-चित्र की भाँति रूपायित करते हैं।

Jugnoo Prakashan (Ektara) 2023 Prabhat Rishi Sahany

Pedon Ki Amma

इस संग्रह की कविताओं की विषयवस्तु हमारा अड़ोस-पड़ोस है—हवा, धूप, पानी, बादल जैसी दैनंदिन जीवन की चीज़ें और उपस्थितियाँ। लेकिन कल्पना-शक्ति ने इनके नये नये संयोग बनाए हैं। ’सूरज का फूल खिला है,समय का फूल खिला है’…..सरीखी कविताएँ संसार को नयी नज़र से देखने और पहचानने का उद्यम हैं। छंद और लय का ललित व्यवहार करती ये कविताएँ सहज ही स्मृति में ठहर जाती हैं। साथ के चित्र रंगों का व्यंजक प्रयोग करते हुए कविताओं को प्रासंगिक पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं।

Jugnoo Prakashan (Ektara) 2022 Prabhat Bhargav Kulkarni

Lightning

लाइटनिंग, यह सुन्दर और कल्पनाशील नाम है एक बाघिन का, जिसके इर्द गिर्द यह कहानी बुनी गई है। कहानी बाघिन के बारे में रूढ़ मान्यताओं को दरकिनार करते हुए उसकी नैसर्गिकता को सामने लाती है। उसके अपने घर व घर के अन्य बाशिंदों के साथ प्यार और चाहत के रिश्तों को उभारती है। और उभारती है मानव समुदाय की जंगल जीवों के प्रति उस आत्मीय जवाबदेही को जिसके बिना पर ही इन सबका जीवन संभव और सुखद लगता है। सधी हुई भाषा में ताजगी, सादगी और रवानगी है। सभी चित्र बेमिसाल है खासकर तब का जब ‘चाँद को गर्व हो रह था…कुछ ही देर पहले वह यहाँ थी’ और बाघिन के वहाँ होने को चित्र में उकेरा गया है।

Jugnoo Prakashan (Ektara) 2021 Prabhat Allen Shaw