आक्छू !
Posted on by paragबच्चों के बौद्धिक ,भावनात्मक एवं सामाजिक विकास में किताबें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बच्चे जब कोई कहानी पढ़ते हैं तो उस कहानी के सन्दर्भ को अपने जीवन से जोड़कर देखते है , उन संदर्भो का विश्लेषण कर अपनी एक राय बनाते हैं अपनी कल्पनाओं को उड़ान देते हैं , खुद से संवाद करते है या किसी समस्या का हल पा लेते हैं। इन्ही आयामों को देखते हुए दीपा बलसावर द्वारा लिखित कहानी “आक्छू!” बच्चों को तुरंत अपनी ओर खींचती है और उन्हें एक ऐसी काल्पनिक दुनिया में ले जाती है जहाँ वह यह सब अनुमान लगाने लग जाते हैं कि अगर हाथी छीकेंगा तो कैसे छीकेंगा ? उसकी आवाज़ कितनी ज़ोरदार होगी ?