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दुनिया मेरी

Posted on by priyanka vishnoi

इस किताब में बचपन के नानारूपों को रंगों और कूची से उकेरा गया है। जिनमें रोना-हँसना, घूमना-फिरना, चलना-चलाना, देखना-दिखाना के साथ ही रचना, कल्पनाओं व मस्ती के भावपूर्ण रंग हैं। दुनिया एक बच्ची है और उसकी अपनी एक दुनिया है किताब में। कविता बहुत आकर्षक है जिसमें कई बिंब और कल्पनाएँ उभरती हैं। बहुत कुछ […]

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अम्मा

Posted on by priyanka vishnoi

यह चित्र कथा एक मेले में अम्मा के खोने, और बच्चे द्वारा अम्मा को तलाशने की कहानी है। यह कहानी मेले के बहुरूप चित्रों के माध्यम से मेले का विस्तृत व बहुसांस्कृतिक परिवेश गढ़ती है। अम्मा को खोजते बच्चे का कुछ सोचना और फ़िर भागकर महिला पुलिस से पूछना ‘क्या आपने इस मेले में एक […]

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अकेली चींटी

Posted on by priyanka vishnoi

एक नन्ही किताब जिसमें बहुत ही सरलता से एक चींटी की कहानी पिरोई गई है। जैसे बच्चे अक्सर चींटियों की कतार के पीछे-पीछे चलते हैं, वैसे ही लेखक और चित्रकार हमें एक अकेली चींटी के साथ सैर कराते हैं। इस किताब के ज़रिये मिलिए एक ऐसी चींटी से जो कई मुश्किलों का सामना करती है […]

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