Loading...

इस किताब में बचपन के नानारूपों को रंगों और कूची से उकेरा गया है। जिनमें रोना-हँसना, घूमना-फिरना, चलना-चलाना, देखना-दिखाना के साथ ही रचना, कल्पनाओं व मस्ती के भावपूर्ण रंग हैं। दुनिया एक बच्ची है और उसकी अपनी एक दुनिया है किताब में। कविता बहुत आकर्षक है जिसमें कई बिंब और कल्पनाएँ उभरती हैं। बहुत कुछ कहते बेहतरीन चित्रों और विचारशील कविता की जुगलबंदी से बनी एक न्यारी चित्र पुस्तक। उत्कृष्ट आकल्पन और प्रस्तुति इसे और भी सुन्दर बनाती है।