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बगुले झुँड में लौटते हुए

संध्या के आकाश में
बहुत दिनों से नहीं दिखे
एक बगुला भी नहीं दिखा
बचे हुए समीप के तालाब का
थोड़ा सा जल भी सूख गया
यही कारण तो नहीं।

– विनोद कुमार शुक्ल

1993 से हर साल 22 मार्च विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है। ब्राज़ील के रिओ डि जेनेरियो के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में साल 1992 में मीठे पानी के महत्व पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इस दिन की पहल की गयी। बच्चों के साथ पढ़ें पानी की कहानियाँ लिए पराग की यह 10 किताबें!

बालटी के अन्दर समन्दर

प्रकाशन: एकलव्य
लेखन: अवेही- अबेकस
चित्रांकन: दीपा बलसावर
Also available in English, Mising and Assamese as ‘The Sea in a Bucket’

सोनू तैयार था पानी भरने के लिए। मगर झील किनारे से, नदी के संग-संग, पहाड़ों पर चढ़ते और समन्दर में गोते लगाते वह चल पड़ा पानी के सफर पर। खूबसूरत चित्रों से सजी इस किताब में पानी की कहानी दर्शाता पोस्टर भी साथ है।

बालटी के अन्दर समन्दर

बारिश

बारिश

प्रकाशन: एकलव्य
लेखन: सरस्वती नंदिनी मजूमदार
अनुवाद: टुलटुल बिस्वास
चित्रांकन: रफिया बानो
Also available in English as ‘Rain’.

एक टांका लगाओ, कुछ तुरपाई करो और बादल उतर आएगा पहलू में। धागे की एक लहर से खिंच आएगा हवा का झोंका। सुई की एक चुभन से बरस जाएंगे बादल। चलो भीग जाएं…

रात में नदी

प्रकाशन: एकलव्य
लेखन: सरस्वती नंदिनी मजूमदार
अनुवाद: टुलटुल बिस्वास
चित्रांकन: ज़रीना ख़ातून
Also available in English as ‘The River at Night’

रात को तुम क्‍या करते हो? सोते हो, है न। और नदी क्‍या करती है? क्‍या वह भी सोती है? और हवा और मछलियां? ज़रदोज़ी की कशीदाकारी से बनी इस खूबसूरत किताब में झांककर देखो…

रात में नदी

पानी धार धार बरसे

पानी धार धार बरसे

प्रकाशन: एकलव्य
लेखन: सुशील शुक्ल
चित्रांकन: प्रोइति रॉय

पेड़ -पेड़ के तलुए भीगे,
डाल के भीतर पत्ते,
आधी हुगली सागर भागी
आधी गयी कलकत्ते
पानी धार धार बरसे

पानी उतरा टीन पर

प्रकाशन: जुगनू प्रकाशन, इकतारा
लेखन: प्रमोद पाठक
चित्रांकन: नीलेश गहलोत

‘पानी उतरा टीन पर’ छंदोबद्ध कविताओं का संग्रह है। आसपास की चीज़ों जैसे बारिश, सूरज,चाँद, चींटी को लेकर सृजित ये कविताएँ सुपरिचित को नये तरीक़े से प्रस्तुत करती हैं। इनमें स्वर और तुकों का खेल मोहक है। कल्पना को जागृत करती ये कविताएँ सहज ही कंठस्थ हो जाती हैं। आसपास के सौन्दर्य को प्रकाशित करने वाली ये कविताएँ भाषा के प्रयोगात्मक व्यवहार के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। साथ के रेखांकन कविताओं के भावों का पुनर्सृजन करते हैं।

पानी उतरा टीन पर

तीसरा दोस्त

तीसरा दोस्त

प्रकाशन: जुगनू प्रकाशन, इकतारा
लेखन: विनोद कुमार शुक्ल
चित्रांकन: अतनु राय

विनोद कुमार शुक्ल ऐसे बिम्ब और प्रतीक रचते हैं कि पाठक को गद्य में भी कविता का रस मिलता है। ‘तीसरा दोस्त’ एक छोटी कहानी है जिसमें एक एहसास पूरे जीवन की तरह समाया हुआ है। दो दोस्तों का गहरापन, उनका एक दूसरे में अभिन्न रूप से शामिल होना एक चमत्कार की तरह घटता है। अतनु रॉय के चित्र हमेशा की तरह इसमें एहसास का गाढ़ापन भरते हैं।

बस्ती में बाढ़

प्रकाशन: शहीद स्कूल
लेखन: माया यादव, नेहा पटेल, टिनम निषाद, पूजा सिंह
चित्रांकन: उबीता लीला उन्नी

‘बस्ती में बाढ़’ रचनाकारों की आपबीती पर आधारित तीन कथाओं का संग्रह है जो गरीब बस्ती में अचानक आयी बाढ़ की त्रासदी और मनुष्य के जीवन का बोलचाल की भाषा में वर्णन करता है।दुख और मुसीबतों के बीच भी यहाँ कुछ हँसने और खुश होने की गुंजाइश निकल आती है।साथ ही साथ ये कहानियाँ कुछ सवाल भी करती हैं—क्या बाढ़ केवल प्राकृतिक आपदा है या हमारा समाज भी इसके लिए ज़िम्मेवार है। किताब के अंत में एक लेख भी है जो इन सवालों पर चर्चा करता है।

बस्ती में बाढ़

Wildlife in a City Pond

Wildlife in a City Pond

Publisher: Pratham Books
Author: Ashish Kothari
Illustrator: Sangeeta Kadur

Wetlands in any city are seen mostly as wasteland, waiting to be built over. It takes a tireless environmentalist to show us what city ponds really are – magically rich ecosystems worth preserving. Based on a real-life experience, here is a story that introduces us to the delightful fauna and flora in the urban landscape.

Brahmaputra Diary

Publisher: Pratham Books
Author: Shahidul Alam
Photographs: Shahidul Alam

This is a travelogue about one of the mightiest rivers of the world! The book speaks of political, cultural, racial boundaries, and crossing them — not only by gliding in and out through places but by immersing in local stories and folk songs. We learn about religious scholars, alpine vegetation, mythological lore, and nomadic life. We see Tibetan prayer flags fluttering in the wind, bridges made of rocks, sheep seeking shelter, fisher folk going about their daily chores, and lamps being lit in temples and monasteries.

Brahmaputra Diary

A Week Along the Ganga

A Week Along the Ganga

Publisher: Eklavya
Author: Bharti Jagannath
Illustrator: Ishita Debnath Biswas

Ganga has been flowing through this land for aeons. Thousands of people have walked along her banks, towards her origin in the snowy Himalayas. One day, a young girl and her mother do so as well, and in the process, get a chance to look at their own journey in life. What they discover has the power to altern their destinies. Reading like a delightful travelogue, in the lap of the mountains, this tale is ultimately about coming face-to-face with your inner self, as the great river inspires one to do.

When Pictures Speak a Thousand Words

We often say that children’s literature is for everyone- it offers the imagination, the narrative and the richness that can appeal to readers of all…

Tuhina Sharma Parag Reads 23rd April 2024 English

एलईसी के बाद खुला बाल साहित्य का संसार

कुँवर सिंह ने छत्तीसगढ़ के पेण्ड्रा जिले के खोडरी खोंसरा गाँव में रहते हुए 2007 में बारहवीं पास की। फिर स्थानीय शिक्षक कृष्णानन्द पांडे ने रायपुर के घासीदास महाविद्यालय जाने के लिए कहा।…

Anil Singh Library Educator's Course 7th March 2024 Hindi