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‘बस्ते में सवाल’ एक नये ढंग की कहानी है जो शुरू तो होती है बच्चों के बस्ता झाड़ने के एक दैनंदिन अनुभव से, लेकिन अंत होते-होते वृहत्तर सामाजिक-राजनैतिक परिप्रेक्ष्य से जुड़ती है, और…
बच्चों के लिए रचित कविताओं की दुनिया कितनी बदल चुकी है, इसका अंदाज़ वरुण ग्रोवर की यह छोटी सी किताब सहज ही दे देती है। बिल्ली-चूहे या बने बनाए छंदों में उपदेश परोसने वाली…
‘Coming Home’: An Immersive Reading Experience
What happens when two empathetic educators approach the principal of a school to permit them to immerse children in reading a book over the entire COVID period?…
फर्डीनैण्ड की कहानी न्यूयार्क के पेंगविन रेंडम हाउस के ग्रॉसेट एंड डनलप प्रकाशन छाप के माध्यम से 1936 में प्रकाशित हुई। यह मूलतः अंग्रेजी में है। लेखक मुनरो लीफ और चित्रकार रॉबर्ट लॉसन को…
There are many kinds of families around us. There are families we are born into, and families we become a part of. We love them, fight with them, and…
When Pictures Speak a Thousand Words
We often say that children’s literature is for everyone- it offers the imagination, the narrative and the richness that can appeal to readers of all…
1993 से हर साल 22 मार्च विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है। ब्राज़ील के रिओ डि जेनेरियो के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में साल 1992 में मीठे पानी के महत्व पर ध्यान केंद्रित…
एलईसी के बाद खुला बाल साहित्य का संसार
कुँवर सिंह ने छत्तीसगढ़ के पेण्ड्रा जिले के खोडरी खोंसरा गाँव में रहते हुए 2007 में बारहवीं पास की। फिर स्थानीय शिक्षक कृष्णानन्द पांडे ने रायपुर के घासीदास महाविद्यालय जाने के लिए कहा।…
‘एलईसी’ के बाद खुद को ‘लाइब्रेरी एजुकेटर’ कह पाया
तेरह साल लगे मुझे अपनी तैयारी में। हायर एजुकेशन के बाद यह तो तय था कि डेवलपमेंट सेक्टर में ही काम करना है और घर में पढ़ने लिखने का माहौल था सो एजुकेशन का क्षेत्र महत्वपूर्ण जान पड़ता था।…
The first teacher in his zone to have done the Library Educator’s Course, to have set up a library in his school, to have initiated Bal Cabinet in…