मनोज पिछले दो दशकों से हिन्दी साहित्य और स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होने नब्बे के दशक में दिल्ली विश्विद्यालय से हिन्दी साहित्य में एम. ए. और एम. फिल. की डिग्री हासिल की और कुछ समय तक अलग-अलग विश्वविद्यालयों में हिन्दी भाषा और साहित्य का अध्यापन किया। सम्प्रति वे अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में […]
अरुंधती देवस्थले विश्व बालसाहित्य में गहरी दिलचस्पी और कई संस्कृतियों के बीच काम, संस्थाओं से जुड़ाव का सौभाग्य। यूरोपीय भाषाओं से पिक्चर बुक्स का हिंदी, मराठी और अंग्रेज़ी में अनुवाद और संपादन। फिलहाल उत्तराखंड के गाँवों में बच्चों को पढ़ाने और वाचनालय चलाने का काम, लड़कियों की शिक्षा और प्रगति के लिए विशेष प्रयास।
सुनीता मिश्रा इंस्टिट्यूट ऑफ़ होम इकोनॉमिक्स के प्राथमिक शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं और भाषा-शिक्षण, भाषा-विज्ञान तथा बाल- साहित्य के विषय पढ़ाती हैं। बाल-साहित्य व कहानियों के माध्यम से भाषा-शिक्षण में उनकी विशेष रूचि है। भाषा के संज्ञानात्मक पहलू पर उनका शोध भी है और रूचि भी। मेरे विचार से बाल-साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण आयाम […]