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फेरीवाले

Posted on by priyanka vishnoi

कई पन्नों पर नयनाभिराम चित्रों के साथ सज्जित यह कविता रोज़-ब-रोज़ के एक सुपरिचित दृश्य यानी फेरीवालों के मुहल्ले में आने और बच्चों-सयानों के उनके पास आ जुटने का वर्णन करती है। बोलचाल की सहज पर व्यंजक भाषा में इसकी रचना हुई है। पूरे-पूरे सुगठित वाक्य इसकी शोभा हैं। अनेक ब्योरों से भरी यह कविता […]

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अगर मगर

Posted on by priyanka vishnoi

यह किताब, बच्चों के कल्पनाशील और अचरज भरे ढेर सारे सवालों और गुलज़ार के उतने ही अलबेले और मज़ेदार जवाबों की बानगी प्रस्तुत करती है। एक तरफ़ सवालों में बच्चों का सहज उत्सुकताबोध दिखाई देता है तो दूसरी ऒर जवाबों में वैसा ही विस्मयबोध। सवाल-जवाब के भावों में पगे सादगी भरे चित्र इसे और भी […]

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नरम गरम दोस्ती

Posted on by priyanka vishnoi

कहानी नरम गरम दोस्ती, हाशियाकृत समुदाय के जीवन यथार्थ से अवगत कराती है। इसमें स्कूल में पढ़ने वाले दो बच्चों की दोस्ती का भावपूर्ण घटनाक्रम है। इस तरह की कहानियाँ बाल साहित्य में बिरले ही पढ़ने को मिलती हैं। भाषा के ज़रिए यह कहानी कई स्तरों पर तरह-तरह के अर्थ बनाती है और सोचने-विचारने व […]

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