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जुगनू भाई

जुगनू भाई एक चित्रांकित कविता है जिस में एक जुगनू और अन्य कीड़ों की रात में मुलाकात होती है। किताब में खूबसूरत रंगीन चित्र हैं जो रात के दृश्य को एक अलग अंदाज़ में पेश करते हैं। छोटे बच्चों के लिए यह बहुत ही उचित किताब है। कविता के शब्द और चित्र मिलकर एक सौम्य और अनूठा अनुभव देते हैं। चित्रों में रात का अंधेरा और उसमें हल्की-हल्की रोशनी को काले पन्नों पर अनोखे ढंग से उतारा गया है।

जुगनू प्रकाशन 2022 बालस्वरूप राही हिमांशु उजिनवाल

केरल के केले

इस संकलन की कविताओं का विषय चयन, ताल लय और शब्दों का सहज दोहराव इन्हें बच्चों की पसंदीदा रचनाएँ बनाता है । कुछ कविताएँ बच्चे मज़े-मज़े यादकर गुनगुना सकते हैं। समृद्ध व सादगीपूर्ण भाषा में रची कविताएँ , शिक्षकों के लिए बच्चों को भाषा सिखाने का एक बढ़िया संसाधन उपलब्ध कराती हैं । ‘धम्मक धम्मक आता हाथी’ और ‘ऊँट चला’ जैसी चर्चित रचनाओं में जीवों के चालढाल और रहन सहन का सुन्दर, सजीव चित्रण लुभाता है। सादगी भरे चित्र कविताओं के साथ बोलते- डोलते से लगते हैं और इन्हें नया अर्थ देते हैं।

जुगनू प्रकाशन 2021 प्रयाग शुक्ल देबब्रत घोष

मछली नदी खोल के बैठी

इस नन्हीं-सी कल्पनाशील कविता को बार-बार पढ़ने की अभिलाषा होती है शायद अगली बार कुछ अर्थ या भाव बन सके। कुछेक बार पढ़ने पर ही कविता से निकटता बन पाती है । प्रकृति के सन्दर्भ में खोल शब्द से कई मायने बनते बदलते रहते हैं। संभवतः कविता कहती है , खोल के प्रस्तुत प्रकृति में कुछ भी छुपाए या चुराए जाने का डर नहीं है, यह तो दुनिया है, जो चप्पे-चप्पे तालों में है । सुकून देते चित्र कविता के भाव को कुछ और आगे ले जाते हैं। लेखन की केलीग्राफ़ी सुन्दर व कविता के भावों के अनुरूप है। कविता को शब्दशःयाद करना भले संभव न हो, फिर कभी दुबारा पढ़ने पर कुछ नया कहने, गुनगुनाने वादा ज़रूर करती है।

एकलव्य 2021 सुशील शुक्ल वसुंधरा अरोड़ा

ये सारा उजाला सूरज का

‘ये सारा उजाला सूरज का’ एक सम्मोहक कविता है जो संसार की हर शै में सूरज की उपस्थिति और रूपांतरण को प्रस्तुत करती है।हवा,पानी,जीवों तक में सूरज अलग अलग रंग-रूप में मौजूद है।नये बिम्बों,कल्पनाशील प्रयोगों और जादुई संगीत के कारण यह कविता पुस्तक सहज ही कंठस्थ की जा सकती है।शब्दों को विस्तार देते चित्र सूर्य-किरण के वर्ण-क्रम को व्यक्त करते हैं।सूर्य के महिमा-गान के साथ यह कविता सभी जीवों और पदार्थों की आंतरिक एकता को स्वर देती है।

एकलव्य 2021 सुशील शुक्ल शिल्पा रानाडे

तुम भी आना

इस किताब में हिन्दी के अद्वितीय कवि नवीन सागर की ढेर सारी कविताओं का अनूठा संकलन है। इन कविताओं में वह सब कुछ है जो बचपन के इर्द गिर्द होना चाहिए। कल्पनाओं की उड़ान, रिश्तों की गर्माहट और संवेदनाएँ हैं। बच्चों की शैतानियाँ और हिदायतें हैं। उनकी आज़ादी, उत्सुकता, खिलंदड़पन और भाषा व शब्दों के खेल हैं। और यह सब कुछ बच्चों और बड़ों के आसपास के जीवन सन्दर्भों से लेकर पिरोया हुआ है। कविता दादाजी नाराज़ है मानवीय संवेदनाओं की मर्मस्पर्शी बानगी प्रस्तुत करती है।

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जुगनू प्रकाशन 2020 कवि - नवीन सागर एलन शॉ

भाई तू ऐसी कविता क्यों करता है

किताब की कविताएँ बच्चे के हाथ लगे किसी नए खिलौने जितना ही मजा देती हैं। बच्चे उन्हें उछालकर, घुमा फिरा कर, आगे-पीछे फेंककर और उनमें झाँककर कैसे भी खेल सकते हैंI I कविताओं के विषय और उनका अंदाजेबयाँ बेहद अनूठा हैI अर्थपूर्ण तुकबन्दियाँ, कल्पनाओं की निरंतरता, सुन्दर लयकारी, कविता में कहानी कहने का सलीका और सिलसिलेवार बतियाने का तरीका नायब है। कुछ कविताओं में से झाँकती मुस्कुराहटें, खुशियाँ और मस्तियाँ दिलचस्प हैं। कविता ‘एक कहानी कहनी है’ बार-बार गुनगुनाने का मन करता है। चित्र कल्पनाओं में नए रंग भरने और बातचीत के मौके बनाते हैं।

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जुगनू प्रकाशन 2020 कवि - सुशील शुक्ल वन्दना बिष्ट

मेरा खच्चर डण्डा है

देश के अलग अलग प्रदेशों से आनेवाले बच्चों द्वारा लिखी गयी चुनिंदा कविताओं का यह खुशमिजाज संकलन हर स्कूल की लाइब्रेरी में होनी चाहिए। सभी कविताएं बेहद सहज और सरल हैं ,खूबसूरत चित्रों से सजाई हुई। कविताओं के विषय आम तौर पर पाठ्यपुस्तकों में मिलनेवाली कविताओं की तरह भारी- भरकम नहीं, बच्चों की दुनिया से जुड़े हुए हैं इसलिए वे बच्चों को जरूर पसंद आएंगी । बच्चों को कविताओं और किताबों की दुनिया से ख़ुशी -ख़ुशी जोड़नेवाली किताब, बेहद आकर्षक प्रस्तुति!

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एकलव्य 2020 संकलन संकलन

चार चींटियाँ

यह छोटी सी कहानी एक अनोखे फॉर्मेट में प्रस्तुत की गयी है ,जो नए पाठकों को आकर्षित करेगी। चार चींटियां जो एक हाथी को पहाड़ मानकर मुश्किलों का सामना करती, उस पर चढ़ जाती हैं, और सब से छोटी तो चोटी पर जा पहुँचती हैं। ख़ास बात यह है कि वह एक सकारात्मक बात, बहुत ही कम और सीधे सादे शब्दों में, बच्चों के सामने रख जाती है। किताब की दुनिया से बच्चों की दोस्ती कराने वाली किताब।

एकलव्य 2019 कवि - श्याम सुशील निहारिका शिनॉय