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पेड़ों की अम्मा

इस संग्रह की कविताओं की विषयवस्तु हमारा अड़ोस-पड़ोस है—हवा, धूप, पानी, बादल जैसी दैनंदिन जीवन की चीज़ें और उपस्थितियाँ। लेकिन कल्पना-शक्ति ने इनके नये नये संयोग बनाए हैं। ’सूरज का फूल खिला है,समय का फूल खिला है’…..सरीखी कविताएँ संसार को नयी नज़र से देखने और पहचानने का उद्यम हैं। छंद और लय का ललित व्यवहार करती ये कविताएँ सहज ही स्मृति में ठहर जाती हैं। साथ के चित्र रंगों का व्यंजक प्रयोग करते हुए कविताओं को प्रासंगिक पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं।

जुगनू प्रकाशन 2022 प्रभात भार्गव कुलकर्णी

लाइटनिंग

लाइटनिंग, यह सुन्दर और कल्पनाशील नाम है एक बाघिन का, जिसके इर्द गिर्द यह कहानी बुनी गई है। कहानी बाघिन के बारे में रूढ़ मान्यताओं को दरकिनार करते हुए उसकी नैसर्गिकता को सामने लाती है । उसके अपने घर व घर के अन्य बाशिंदों के साथ प्यार और चाहत के रिश्तों को उभारती है। और उभारती है मानव समुदाय की जंगल जीवों के प्रति उस आत्मीय जवाबदेही को जिसके बिना पर ही इन सबका जीवन संभव और सुखद लगता है। सधी हुई भाषा में ताजगी, सादगी और रवानगी है। सभी चित्र बेमिसाल है खासकर तब का जब ‘चाँद को गर्व हो रह था…कुछ ही देर पहले वह यहाँ थी’ और बाघिन के वहाँ होने को चित्र में उकेरा गया है।

जुगनू प्रकाशन 2021 प्रभात एलन शॉ