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पानी उतरा टीन पर

‘पानी उतरा टीन पर’ छंदोबद्ध कविताओं का संग्रह है। आसपास की चीज़ों जैसे बारिश, सूरज,चाँद, चींटी को लेकर सृजित ये कविताएँ सुपरिचित को नये तरीक़े से प्रस्तुत करती हैं। इनमें स्वर और तुकों का खेल मोहक है। कल्पना को जागृत करती ये कविताएँ सहज ही कंठस्थ हो जाती हैं। आसपास के सौन्दर्य को प्रकाशित करने वाली ये कविताएँ भाषा के प्रयोगात्मक व्यवहार के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। साथ के रेखांकन कविताओं के भावों का पुनर्सृजन करते हैं।

जुगनू प्रकाशन 2021 प्रमोद पाठक नीलेश गहलोत

गमले में जंगल

भीतर और बाहर के परस्पर संबंध को व्याख्यायित करती यह पुस्तक केवल एक कविता से बनी है। यह कविता प्रकृति का सम्मान और प्रकृति की निजता की रक्षा का संकल्प है। साथ के चित्र भी इस भाव को अनेक रंगों और आकृतियों के माध्यम से मुखरित करते हैं।यहाँ कम शब्दों में सूत्रात्मक शैली में मनुष्य,प्रकृति और परिवेश के संबंध को मूर्त किया गया है।

जुगनू प्रकाशन 2021 विनोद कुमार शुक्ल चंद्रमोहन कुलकर्णी

अगर मगर

यह किताब, बच्चों के कल्पनाशील और अचरज भरे ढेर सारे सवालों और गुलज़ार के उतने ही अलबेले और मज़ेदार जवाबों की बानगी प्रस्तुत करती है। एक तरफ़ सवालों में बच्चों का सहज उत्सुकताबोध दिखाई देता है तो दूसरी ऒर जवाबों में वैसा ही विस्मयबोध। सवाल-जवाब के भावों में पगे सादगी भरे चित्र इसे और भी पठनीय और दिलचस्प बनाते हैं। प्रस्तुति और आकल्पन में एक तरह का खुलापन और खिलापन है जो पढ़ने वाले को ख़ुशी और सोचने का अवसर मुहैया कराते हैं। एक अनुपम किताब।

जुगनू प्रकाशन 2022 गुलज़ार एलन शॉ

बाघ भी पढ़ते हैं

‘बाघ भी पढ़ते हैं’ चंदन यादव की छोटी छोटी कहानियों और बतकहियों का संकलन है। इसकी शीर्षक कहानी बाघ और गाय की एक लोक कथा को आधार बनाकर लिखी गई है जिसमें हर पात्र अपनी घिसी पिटी भूमिका को छोड़कर नए तरीके से पेश आता है। हर कहानी में भाषा की सादगी, उसकी ताकत और इस्तेमाल का अंदाज़ देखने को मिलता है। भित्ति चित्र शैली में अमृता के चित्र इन कहानियों में उतरने का रास्ता देते हैं।

जुगनू प्रकाशन 2022 चन्दन यादव अमृता

टके थे दस

ऐसी कितनी ही कविताएं और गीत हैं जो बचपन में खेल का अनिवार्य हिस्सा रही हैं। टके थे दस भी उन्हीं में से एक है। लेकिन इसमें लोकगीत की खुशबू है। उलटी गिनती में चलने वाला ये गीत अपने हर अंक में एक मस्ती समेटे हुए है। इसमें लोक जीवन की हंसी ठिठोली है और रोज़मर्रा के जीवंत चित्र हैं। सेठ जी का पात्र हमें उन सब चरित्रों से मिलवाता है जो कहीं छुपे रहते हैँ और दृश्य बनकर आते हैं।

जुगनू प्रकाशन 2021 अतनु राय

जुगनू भाई

जुगनू भाई एक चित्रांकित कविता है जिस में एक जुगनू और अन्य कीड़ों की रात में मुलाकात होती है। किताब में खूबसूरत रंगीन चित्र हैं जो रात के दृश्य को एक अलग अंदाज़ में पेश करते हैं। छोटे बच्चों के लिए यह बहुत ही उचित किताब है। कविता के शब्द और चित्र मिलकर एक सौम्य और अनूठा अनुभव देते हैं। चित्रों में रात का अंधेरा और उसमें हल्की-हल्की रोशनी को काले पन्नों पर अनोखे ढंग से उतारा गया है।

जुगनू प्रकाशन 2022 बालस्वरूप राही हिमांशु उजिनवाल

दुनिया मेरी

इस किताब में बचपन के नानारूपों को रंगों और कूची से उकेरा गया है। जिनमें रोना-हँसना, घूमना-फिरना, चलना-चलाना, देखना-दिखाना के साथ ही रचना, कल्पनाओं व मस्ती के भावपूर्ण रंग हैं। दुनिया एक बच्ची है और उसकी अपनी एक दुनिया है किताब में। कविता बहुत आकर्षक है जिसमें कई बिंब और कल्पनाएँ उभरती हैं। बहुत कुछ कहते बेहतरीन चित्रों और विचारशील कविता की जुगलबंदी से बनी एक न्यारी चित्र पुस्तक। उत्कृष्ट आकल्पन और प्रस्तुति इसे और भी सुन्दर बनाती है।

जुगनू प्रकाशन 2022 गुलज़ार फ्रीडा शॉ, एलन शॉ

अम्मा

यह चित्र कथा एक मेले में अम्मा के खोने, और बच्चे द्वारा अम्मा को तलाशने की कहानी है। यह कहानी मेले के बहुरूप चित्रों के माध्यम से मेले का विस्तृत व बहुसांस्कृतिक परिवेश गढ़ती है। अम्मा को खोजते बच्चे का कुछ सोचना और फ़िर भागकर महिला पुलिस से पूछना ‘क्या आपने इस मेले में एक ऐसी अम्मा को देखा, जिसके पास मेरे जैसा बच्चा नहीं है?’ सवाल से बच्चे की त्वरित सूझबूझ और सहज भोलेपन का जो रूप उभरता है, वह इसे एक दिलचस्प व नायाब रचना बनाता है।

जुगनू प्रकाशन 2021 कविता सिंह काले कविता सिंह काले