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Postbox Kashmir-Two Lives in Letters

Between letters, the author weaves threads picked from the lines the two pen friends share. The book depicts Kashmir from different points of view, ranging crucial aspects of the regional, social, political and emotional. The outstanding craft of this book makes it a powerful one.

Duckbill by Penguin Random House India 2021 Divya Agarwal

Queen of Fire

The fearsome Rani Lakshmibai of Jhansi comes alive in this well-researched book. India’s freedom struggle, in which the Queen played a dominant role, the account follows her from when she becomes the ruler. Dramatically written, the book includes monologues by Damodar, Lakshmibai’s son, which adds tenderness to the narrative.

Duckbill by Penguin Random House India 2021 Devika Rangachari

केरल के केले

इस संकलन की कविताओं का विषय चयन, ताल लय और शब्दों का सहज दोहराव इन्हें बच्चों की पसंदीदा रचनाएँ बनाता है । कुछ कविताएँ बच्चे मज़े-मज़े यादकर गुनगुना सकते हैं। समृद्ध व सादगीपूर्ण भाषा में रची कविताएँ , शिक्षकों के लिए बच्चों को भाषा सिखाने का एक बढ़िया संसाधन उपलब्ध कराती हैं । ‘धम्मक धम्मक आता हाथी’ और ‘ऊँट चला’ जैसी चर्चित रचनाओं में जीवों के चालढाल और रहन सहन का सुन्दर, सजीव चित्रण लुभाता है। सादगी भरे चित्र कविताओं के साथ बोलते- डोलते से लगते हैं और इन्हें नया अर्थ देते हैं।

जुगनू प्रकाशन 2021 प्रयाग शुक्ल देबब्रत घोष

एक कहानी

‘एक कहानी’ सात सम्मोहक कहानियों का विरल संग्रह है।यहाँ बचपन के अनुभव और स्मृतियाँ कल्पना का मेल पाकर विलक्षण कथा-रूपों में बदल जाती हैं।इन कहानियों  का जादुई और अतीन्द्रिय लोक हमारी कल्पना-शक्ति को उद्दीप्त  करता है और सब कुछ को पुन: नये नये तरीक़े से देखने को बाध्य करता है।भाषा का ऐसा खेल और अप्रत्याशित संयोजन विस्मित करता हुआ हमें वस्तुओं के अंदरूनी जगत में ले जाता है।यहाँ लोक कथाओं- सी सादगी और बनक है और विज्ञान कथाओं का रोमांचक रहस्य-बोध ;लेकिन अपनी दृष्टि और भाषा-व्यवहार में बिल्कुल अनूठा,अप्रमेय।

जुगनू प्रकाशन 2021 विनोद कुमार शुक्ल अतनु रॉय

बीस कचौड़ी पूड़ी तीस

किताब में सुविख्यात बाल साहित्य लेखक श्रीप्रसाद द्वारा बच्चों के लिए रची गई कविताओं को संजोया गया है। जिनमें बालमन की गहराइयाँ हैं, जीव-जीवन का स्पंदन है, रिश्तों की गरमाहट है, मनोरंजन, कौतुक और ज्ञान-विज्ञान है। शब्दों के खेल, सवाल और वह सब कुछ जो बच्चों को भाता है। कविताओं में यह सब इतना सहज,स्वाभाविक और लयबद्ध है कि बार बार पढ़ने-गुनगुनाने का मन करता है। चित्र प्रभावशील और कविताओं को उभारते से लगते है।‘ पौधा तो जामुन का ही था’ और ‘हाथी चल्लम चल्लम’ बहुत दिलचस्प हैं । ये कविताएँ हिंदी के आधुनिक बाल साहित्य की एक परम्परा से रूबरू कराती हैं।

जुगनू प्रकाशन 2021 श्री प्रसाद प्रोइती रॉय

ग्यारह रुपये का फ़ाउण्टेन पेन

इस किताब की कहानियाँ बेहद नएपन से आम जीवन के सामाजिक, साहित्यिक, सांगीतिक, मानवीय, शैक्षिक और पर्यावरण से जुड़े गहरे सरोकारों को अपने में शामिल करती जाती है। जिनमें बच्चों के स्वभाव और चाहते हैं , उनकी उदासी और दोस्ती है । और भी बहुत कुछ है जो आज के साहित्य में अपेक्षित है । कहानियाँ जितने अनूठे विषयों पर हैं, कही भी उसी अनूठेपन से गई है । बेहद सधी हुई ताज़ातरीन भाषा, विचारों व भावों के अनुरूप हैं । कहानियों को विस्तार और गहराई देने का ज़िम्मा लेते चित्र बेमिसाल हैं।

जुगनू प्रकाशन 2021 अमित दत्ता तापोशी घोषाल

लाइटनिंग

लाइटनिंग, यह सुन्दर और कल्पनाशील नाम है एक बाघिन का, जिसके इर्द गिर्द यह कहानी बुनी गई है। कहानी बाघिन के बारे में रूढ़ मान्यताओं को दरकिनार करते हुए उसकी नैसर्गिकता को सामने लाती है । उसके अपने घर व घर के अन्य बाशिंदों के साथ प्यार और चाहत के रिश्तों को उभारती है। और उभारती है मानव समुदाय की जंगल जीवों के प्रति उस आत्मीय जवाबदेही को जिसके बिना पर ही इन सबका जीवन संभव और सुखद लगता है। सधी हुई भाषा में ताजगी, सादगी और रवानगी है। सभी चित्र बेमिसाल है खासकर तब का जब ‘चाँद को गर्व हो रह था…कुछ ही देर पहले वह यहाँ थी’ और बाघिन के वहाँ होने को चित्र में उकेरा गया है।

जुगनू प्रकाशन 2021 प्रभात एलन शॉ

मछली नदी खोल के बैठी

इस नन्हीं-सी कल्पनाशील कविता को बार-बार पढ़ने की अभिलाषा होती है शायद अगली बार कुछ अर्थ या भाव बन सके। कुछेक बार पढ़ने पर ही कविता से निकटता बन पाती है । प्रकृति के सन्दर्भ में खोल शब्द से कई मायने बनते बदलते रहते हैं। संभवतः कविता कहती है , खोल के प्रस्तुत प्रकृति में कुछ भी छुपाए या चुराए जाने का डर नहीं है, यह तो दुनिया है, जो चप्पे-चप्पे तालों में है । सुकून देते चित्र कविता के भाव को कुछ और आगे ले जाते हैं। लेखन की केलीग्राफ़ी सुन्दर व कविता के भावों के अनुरूप है। कविता को शब्दशःयाद करना भले संभव न हो, फिर कभी दुबारा पढ़ने पर कुछ नया कहने, गुनगुनाने वादा ज़रूर करती है।

एकलव्य 2021 सुशील शुक्ल वसुंधरा अरोड़ा