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Tum Bhi Ana

इस किताब में हिन्दी के अद्वितीय कवि नवीन सागर की ढेर सारी कविताओं का अनूठा संकलन है। इन कविताओं में वह सब कुछ है जो बचपन के इर्द गिर्द होना चाहिए। कल्पनाओं की उड़ान, रिश्तों की गर्माहट और संवेदनाएँ हैं। बच्चों की शैतानियाँ और हिदायतें हैं। उनकी आज़ादी, उत्सुकता, खिलंदड़पन और भाषा व शब्दों के खेल हैं। और यह सब कुछ बच्चों और बड़ों के आसपास के जीवन सन्दर्भों से लेकर पिरोया हुआ है। कविता दादाजी नाराज़ है मानवीय संवेदनाओं की मर्मस्पर्शी बानगी प्रस्तुत करती है।

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Jugnoo Prakashan (Ektara) 2020 Naveen Saagar Allen Shaw