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मेरा बचपन

‘मेरा बचपन’ एक बच्चे की कहानी है जिसके जीवन की शुरुआत कबाड़ बीनने से होती है, फिर होटल में काम, फिर अख़बार की फेरी और फिर स्कूल और पढ़ाई। और उसका मन पढ़ाई में लग जाता है। सीधी, सरल भाषा में यह मार्मिक आत्मपरक कथा प्रस्तुत की गयी है। कथा का महत्त्व इस बात को इंगित करने में भी है कि कोई भी काम छोटा या हेय नहीं होता, और यह भी कि अवसर मिलने पर कोई भी इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है। ’मेरा बचपन’ एक साधारण व्यक्ति के जीवट और स्वप्न की दास्तान है।

Muskaan 2024 Many Authors Many Illustrators

घर का रास्ता

कहानी के नायक का गाँव एक घना जंगल और नदी के पास है। उसे साप्ताहिक बाज़ार में घूमना अच्छा लगता है, लेकिन एक दिन बाज़ार से लौटते हुए रास्ता पकड़ने में देर हो जाती है। अधूरा अँधेरा और ताज़ा बारिश देखकर उसकी सिट्टीपिट्टी गुम हो जाती है।

इन सभी कठिनाइयों के बावजूद वह कैसे घर पहुँचता है, यही जानने के लिए यह सरल और सुंदर किताब श्वेता श्याम के चित्रों के साथ जीवंत बन उठती है।

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