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The diversity of Indian wildlife is matched equally by the diversity of people’s action to preserve it! Reality is stranger than fiction,..
दीपा बलसावर द्वारा लिखी कहानी “नानी चली टहलने” बच्चों को समाज के उन पहलुओं से रु-ब-रु कराती है जहाँ हमारा सम्बन्ध केवल इंसानो से ही नहीं बल्कि पशु -पक्षी, जानवरों और पेड़-पौधों से भी है, और नानी द्वारा इनके बीच के आपसी स्नेह के रिश्ते को बहुत ही खूबसूरती से बताया गया है…
बच्चों के भीतर झाँकने की एक खिड़की हैं ये किस्से। और नए चश्मे से देखेंगे तो और भी बहुत कुछ नज़र आएगा। बच्चों के लिए बहुत सारी कहानियाँ बनती हैं, लिखी जाती हैं और कई उन्हें सुनाई भी जाती हैं।…
ज़मीन हड़पने, उचित मुआवजा न मिलने, अपनी ही ज़मीन से बेघर किये जाने और कई तरह के उत्पीडन का विरोध देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रहा है| ये खबरें कभी सुनने में आती हैं और कभी, नहीं|…
NEP: Children’s Literature and Reading Promotion – Missing Link?
The draft National Policy on Education (NEP), 2019…
लाइब्रेरी एडुकेटर्स कोर्स संपर्क अवधि के दौरान बुक टॉक पर सत्र के दौरान अजा जी ने “दबंग गाय हमारी” किताब के बारे में बताया था | तब पहली बार मैं इस किताब से परिचित हुई और सुनकर ही मन में इस किताब को पढ़ लेने की इच्छा हुई|…