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संवाद का सफ़र: #1 सुशील शुक्ल की किताबों पर चर्चा
पराग, टाटा ट्रस्ट 2016 से नियमित रूप से शिक्षा, पुस्तकालय एवं बाल साहित्य के क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों मसलन राजकीय शिक्षक, संदर्भ व्यक्तियों, विषय…
बाल साहित्य में ‘रंग और चौखटे व रेखाओं’ का चितेरा
मैं खुद को बालहंस की पीढ़ी का पाठक मानता हूँ। उससे पहले पराग पत्रिका की चर्चा थी। कुछेक अंक देखने का मौक़ा मिला था। बाल एवं किशोर पाठकों को विभिन्न…
सफ़रनामा : दौर-ए-कोरोना में ‘हवामहल’
महामारी के दौर में लोग घरों में बंद किए जा सकते हैं, लेकिन कहानियों को कभी कैद नहीं किया जा सकता। – प्रभात कुमार झा, बालबीती …
‘अलग’ और सामान्य का फर्क मिटाती ‘मेरी आँखें’
अपने आस-पास परिवेश में या कहें तो वयस्क दुनिया में ‘भिन्न या अलग’ होना कितना स्वीकार्य होता है? मानवीय सम्बन्धों के बनते स्वरूप, निवास, कार्य…
प्यार से भरी एक किताब-“प्यार का पंख”
‘प्यार का पंख’ एक इजरायली कहानी है। जो मूल रूप से हिब्रू भाषा में 2017 में प्रकाशित हुई थी। इसे शिफ्रा हॉर्न ने लिखा है। शिफ्रा हॉर्न एक लोकप्रिय उपन्यासकार हैं…
‘जीवन चक्र’ पर बात करतीं दो चित्र किताबें
जीव जगत हमेशा से लुभावना और रहस्यमयी लगता है। जीवन-सृजन एक जटिल प्रक्रिया भी। बच्चों के लिए इस विषय पर छिटपुट किताबें ही प्रकाशित हैं…
लोककथा सरीखी कहानियाँ और लेखों का अनूठा संकलन
उदयन वाजपेयी देश के शीर्ष रचनाकारों एवं कलामर्मज्ञों में से एक हैं। इधर हाल के वर्षों में उन्होने बच्चों के लिए लिखना शुरू किया है। उनकी रचनाएँ चकमक, साइकिल आदि पत्रिकाओं में पढ़ने को मिलती रहती हैं…
“इटली की सच्ची परीकथा” … ‘उड़ती चारपाई’ किताब का यह उप- शीर्षक सहसा ही पाठक का ध्यान आकर्षित करता है। साथ ही मन एक संदेह से भर जाता है कि क्या परिकथाएं भी सच्ची हुआ करती हैं?…
यूँ तो किशोरों के लिए हिन्दी भाषा में विरले ही साहित्य रचा गया है। जो भी अब तक उपलब्ध रहा उन्हें कंटेन्ट और प्रस्तुतिकरण के आधार पर किशोरों के लिए उपयुक्त नहीं माना जा सकता।
विज्ञान कहता है कि एक पेड़ की कोई दो पत्तियां भी एक जैसी नहीं होतीं। उसी तरह बच्चे परिवार के हों या समाज के, उनका स्वभाव और व्यक्तित्व भी अलग-अलग ही होता है।…