Loading...

नरम गरम दोस्ती : किताब समीक्षा

नीतू यादव द्वारा लिखित और शेफाली जैन द्वारा चित्रित | प्रकाशन : मुस्कान

दोस्ती विश्व साहित्य का प्राचीन एवं शाश्वत विषय है। पंचतंत्र और ईसप-कथाओं से लेकर आज की लोकप्रिय फ़िल्मों तक अलग अलग काल और समाज में दो लोगों के साथ होने और एक-दूसरे की मदद करने के तरह तरह के क़िस्से और प्रसंग हैं। ऐसे वक्त में भी जब सामुदायिक नफ़रत और हिंसा फैलायी जा रही हो, दोस्ती की ऐसी मिसाल उच्च मानव मूल्य बन जाती है, अँधेरे में लाइट हाउस की तरह रास्ता दिखाती। ‘नरम गरम दोस्ती’ ऐसी ही एक किताब है जो दो दोस्तों कल्ला और राजदीप के आपसी प्रेम की मार्मिक कथा कहती है। कल्ला और राजदीप एक साथ पढ़ते हैं। गरीब परिवार के हैं। जाड़े में कल्ला को बहुत परेशानी होती है। उसे बड़े भाइयों का उतारा हुआ बिल्कुल पतला, घिसा हुआ स्वेटर पहनना पड़ता है जिससे ठंढ नहीं जाती। राजदीप के पास भी अपनी नाप का स्वेटर नहीं है। शायद वह अपने पिता का स्वेटर पहनता है जो बहुत बड़ा है। इस वजह से पाठशाला में सहपाठी उसे चिढ़ाते हैं। कल्ला को यह बहुत बुरा लगता है। एक दिन बहुत ठंढ थी। धूप भी न थी। कक्षा में कल्ला ठिठुर रहा था। वह भूखा भी था। वह धीरे बाहर निकल आया। लेकिन राजदीप बाहर न निकल सका। जब टिफ़िन की छुट्टी हुई तो राजदीप कल्ला को ढ़ूँढ़ने लगा। कल्ला पीछे एक पेड़ से सट कर बैठा काँप रहा था। राजदीप ने अपने स्वेटर से एक बाँह निकाली और उसमें कल्ला की बाँह डल दी और दोनों एक दूसरे से सट कर एक ही स्वेटर में बैठे रहे।राजदीप ने कल्ला को खिलाया भी। इस तरह दोनों ने मिल कर ठंढ का मुक़ाबला किया। यह मित्रता जीवनदायिनी है। यह मित्रता स्वार्थ का विलोम है। यह मित्रता किसी के विरोध में नहीं है। यह मित्रता मनुष्य का प्राकृतिक स्वभाव है, जैसे ‘ईदगाह’ में दादी के लिए हामिद का प्रेम। यह परस्पर प्रेम ही जीवन को चलाता है।

इस कहानी में प्रेम और सहकार का एक और मार्मिक प्रसंग है। रात में ठंढ में कल्ला सभी भाई बहनों के सात बीच में सटकर सो रहता है, और ठंढ नहीं लगती। यह बाँटना, मिल कर रहना, सबके साथ होना—यही हमें ऊष्मा देता है। यही सबसे बड़ा सुख है।
सहज भाषा में लेखिका नीतू यादव ने यह कहानी लिखी है। यहाँ सटीक विवरण हैं। कुछ भी सायास या अतिरिक्त नहीं है। कुछ भी अलग से कहने या व्याख्या करने की कोशिश नहीं है। वाक्यों से पात्र और वातावरण संजीव हो उठते हैं। साथ के चित्र कथा को मूर्त कर देते हैं। मुस्कान द्वारा प्रकाशित इस किताब का विन्यास और प्रस्तुति आकर्षक है।

इस कहानी को पढ़ते हुए कवि नाज़िम हिकमत की एक बात याद आती है। उनसे पूछा गया कि आपके लिए खुशी का क्या मतलब है, तो उन्होंने एक चित्र दिखाया और कहा—यही। चित्र में एक खाट पर एक पूरा परिवार सट कर सिकुड़ कर सो रहा है, बाबा, दादी, पोते पोतियाँ और कुत्ता और मुर्गियाँ और छत से पानी टपक रहा है जिसके लिए बाबा के सिरहाने एक छाता रखा है और खाट के नीचे बकरियाँ भी हैं। सब आराम से एक साथ सो रहे हैं। यह सबसे बड़ा सुख है— साथ साथ रहना और सब कुछ बाँटना। ऐसी कहानियाँ हमारे ह्रदय और मन पर गहरा असर डालती हैं। हमें नया संस्कार देती हैं। लेखक, कलाकार, प्रकाशक सबको बधाई।

नरम गरम दोस्ती पराग ऑनर लिस्ट २०२३ का हिस्सा है। यहाँ से प्राप्त करें।

“पढ़ना ज़रा ठहरना… ठहरना ज़रा सोचना” !

“पढ़ना जरा सोचना” शीर्षक से एक अद्भुत किताब आई है, जो शिक्षा के बड़े दायरे में ‘पढ़ने और सोचने- समझने’ से जुड़े कुछ बहुत ही बुनियादी सवाल उठाती है और साथ…

Anil Singh Parag Nurtures 6th July 2023 Hindi

‘फेरीवाले’ के मायने

वैसे तो कविता लिखना ही मुश्किल है, लेकिन बच्चों के लिए लिखना, और अच्छा लिखना, सबसे मुश्किल काम है। यहाँ कई बातों को ध्यान में रखना पड़ता है और कई चीजों को…

Arun Kamal Parag Reads 15th June 2023 Hindi