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इज़राइल में बाल साहित्य का जन्म यहूदी राष्ट्रवाद की कलात्मक अभिव्यक्ति के रूप में हुआ था। ‘एक कल्पित समुदाय (Imagined community)’ जैसे विचार को लेकर फिलिस्तीन में आकर बस गयी पहली पीढ़ी की महिला साहित्यकारों ने नए प्रोटोटाइप ‘प्रकृति के बच्चे’ को ध्यान रखते हुए बहुत काम किया है। इज़राइल के बाल साहित्य के दो स्पष्ट उद्देश्य थे – राजनीतिक/वैचारिक और कलात्मक। 21 वीं सदी की शुरुआत में फंतासी, भिन्नता, एलजीबीटी, बहुसंस्कृतिवाद, युद्द और आतंक के साये में समय में फिलिस्तीन-इजराइल संबद्ध जैसे विषयों को आदि को भी बाल साहित्य में शामिल किया गया।
‘प्यार का पंख’ एक इजरायली कहानी है। जो मूल रूप से हिब्रू भाषा में 2017 में प्रकाशित हुई थी। इसे शिफ्रा हॉर्न ने लिखा है। शिफ्रा हॉर्न एक लोकप्रिय उपन्यासकार हैं जो बच्चों के लिए भी लेखन करती हैं। इस किताब के सुंदर चित्र लियोरा ग्रॉसमैन ने बनाए हैं। जो इज़राइल और यूरोप में 100 से अधिक बच्चों की पुस्तकों का चित्रण कर चुकी हैं। लियोरा मुख्यतः फाउंटेन पेन और रंगीन पेंसिल के माध्यम से बच्चों की किताबों के चित्र बनाती रही हैं। हिन्दी अनुवाद अरुंधती देवस्थले ने किया है। हिन्दी प्रकाशन 2021 का है।
‘प्यार का पंख’ वसंत ऋतु में एक अभिमानी मोर और बुद्धिमान मोरनी की प्रेम कहानी है। एक छोटे से पशु बाड़े में खरगोश, सेही, बकरा, मुर्गियाँ, चूहे और बैल आदि जानवर हैं। मोर खुद को पक्षियों का राजा कहता है क्योंकि उसे लगता है कि वह दुनिया में सबसे सुंदर है। सभी जानवर उसके सुंदर पंखों से प्रभावित हैं सिवाए मोरनी के। मोर उस साँवली मोरनी से शादी करना चाहता है। परंतु मोरनी को उसकी दिखावटी शान पसंद नहीं। मोरनी के कहने पर मोर एक-एक करके अपने सारे पंख तकलीफ़ के बावजूद दूसरे जानवरों को दे देता है।
प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है फिर भी हम जिसकी कल्पना कर सकते हैं, उसमें सबसे नम्र है। – महात्मा गांधी।
‘प्यार का पंख’ एक प्रेम की कहानी है जो अहंकार से नम्रता तक की यात्रा करती है। प्रेम अर्थात शुभ या अच्छी भावना जो कि सार्वभौमिक है। किसी एक तक सीमित न रहकर इसका विस्तार होना चाहिए। ऐसा होने पर यह हृदय को क्षुद्र स्वार्थों और अहंकार से मुक्त करता है। कहानी के हर पड़ाव पर मोरनी के संकेत हैं। वे संकेत प्रतीक्षारत हैं कि कब मोर अहंकार रहित प्रेम को समझता है। जैसा कि कबीर ने कहा है – “प्रेम गली अति साँकरी, जामे दुई न समाय।”
यहाँ मदर टेरेसा का एक उद्धरण याद आता है कि अगर आपको प्यार के कुछ शब्द सुनने हैं, तो पहले आपको कुछ प्यार के शब्द कहने भी पड़ेंगे। बिल्कुल उसी तरह जैसे किसी दिये को जलाये रखने के लिए पहले उसमें तेल भी डालना पड़ता है।
मोर जब भी मोरनी के पास जाता है, अपने अहंकार के साथ जाता है – ‘मैं मोर हूँ। मैं पक्षियों का राजा हूँ, क्योंकि मेरे जैसा खूबसूरत कोई नहीं है।“ हर बार मोरनी के कहने पर वह अपने पंख अलग-अलग जानवरों को देता तो है परन्तु देने का भाव स्वतः स्फूर्त या निःस्वार्थ नहीं है। हम सभी अपनी विशेषताओं या चीजों को लेकर मुग्ध रहते हैं। यह मुग्धता इतनी ज्यादा होती है कि उस क्षेत्र में किसी का प्रवेश नहीं हो पाता। किसी के प्रवेश नहीं हो पाने की स्थिति में हम दूसरों की विशेषताएँ और गुण नहीं देख पाते। जबकि प्रेम ठीक इसके उलट होता है।
कहानी में यह घटित होना क्रूर लग सकता है कि मोर के पंख बार-बार नुचते हैं। जो वह मोरनी के प्रेम में और कहने पर ही करता है। यहाँ मदर टेरेसा फिर याद आती हैं कि ‘यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आपने कितना दिया है, बल्कि यह है कि देते समय आपने कितने प्रेम से दिया।‘ यह वाज़िब बात है पंखों के नुचने पर उसे पीड़ा होती है और इस तरह की क्रूरता नहीं होनी चाहिए। परंतु कहानी में यह पीड़ा किसी सुंदरता के नष्ट होने की पीड़ा नहीं है। यह दिखता अवश्य क्रूर है किन्तु लेखिका ने यहाँ कमाल की सांकेतिकता से काम लिया है। यह पीड़ा अपनी चीजों या विशेषताओं के प्रति आतिशय मोह से मुक्त होने की पीड़ा है। मोर हर पड़ाव पर रेशा-रेशा इस मोह से मुक्त हो रहा है। यह पीड़ा इस लिए है कि मुग्धता से मुक्त होने का अर्थ अतिविशिष्ट होने से सामान्य होते जाना है। सामान्य होना बराबरी का बोध कराता है। यह बराबरी का बोध ही प्रेम के विस्तार तक जाता है।
इस किताब के चित्र बेहद सुंदर रंगीन चित्र बने हैं। जो रंगीन पेंसिल के मध्यम से बनाए गए हैं। ज़्यादातर हल्के रंगों का प्रयोग है जो कि आँखों को सुकून देते हैं। कहानी के केंद्रीय पात्र मोर को अपेक्षाकृत चटक रंगों में बनाया गया है। हर पृष्ठ पर वह अपने सुंदर काया के साथ उपस्थित है। मोर-मोरनी और उनके बच्चों को छोड़ सभी जानवरों का मानवीकरण कर दिया गया है। यानि चित्रों में जानवरों के कपड़े, रहन-सहन आदि को मनुष्यों की तरह बनाया गया है। जो कि कहानी में पाठकों के सहज कुतूहल का कारण भी हैं। मुख्य कवर के साथ-साथ अंदर के कवर पृष्ठ सुसज्जित हैं। उनपर श्वेत-श्याम मोर के पंख उकेरे गए हैं जो किताब को आकर्षक बना रहे हैं। चित्रों को कहानी के बराबर ही तरजीह दी गयी है। हर दूसरे पन्ने पर चित्र बने हैं। जिसकी वजह से कहानी और चित्रों का संयोजन अद्भुत बन पड़ा है।
हम यदि किसी दृष्टि से समृद्ध हैं तो उसका सुख अपने आसपास के लोगों से साझा करना भी प्रेम है। वस्तुतः यह निस्वार्थ भाव से देने की कहानी है जो प्यार से भरी है और प्यार के बारे में है।
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