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इस, महिला दिवस बच्चों को सशक्त महिला लेखकों द्वारा लिखित सशक्त महिला नायक वाली पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें |
बेटियाँ भी चाहें आज़ादी
कमला भसीन द्वारा लिखित
श्रुजना श्रीधर द्वारा सचित्र
प्रथम पुस्तकों द्वारा प्रकाशित
अब लड़कियां भी आजादी चाहती हैं हिंसा और उत्पीड़न से आजादी, चुनने की आजादी और अपने अधिकारों का प्रयोग करने की आजादी। और आज़ादी जो वे बनना चाहते हैं।
यह पुस्तक अंग्रेजी में भी उपलब्ध है |
सतरंगी लड़कियाँ
कमला भसीन द्वारा लिखित
प्रिया कुरियन द्वारा चित्रित
प्रथम पुस्तकों द्वारा प्रकाशित
क्या आपको लगता है कि सभी लड़कियां एक जैसी होती हैं। क्या आपको लगता है कि सभी लड़के एक जैसे होते हैं? क्या सभी लड़कियां एक जैसी दिखती हैं, क्या सभी लड़के एक जैसे कपड़े पहनते हैं। नहीं, प्रत्येक बच्चा एक व्यक्ति है।
यह पुस्तक अंग्रेजी, कन्नड़, तेलुगु और मराठी में भी उपलब्ध है
हाना का सूटकेस
करेन लेविन द्वारा लिखित
राकेश खत्री द्वारा चित्रित
पूर्व याज्ञिक कुशवाही द्वारा अनुवादित
एकलव्य द्वारा प्रकाशित
एक सच्ची अनूठी कहानी जो 37 से भी ज्यादा देशों में पढ़ी गयी हैं | मार्च 2000 में टोक्यो, जापान के चिल्ड्रेन हालोकास्ट एजुकेशन सेन्टर में एक सूटकेस पहुंचा | उसके ऊपर सफ़ेद रंग से लिखा था – हाना बरेदी मई 16 मई 1931, वाइजैनकिंड
यह पुस्तक अंग्रेजी में भी उपलब्ध है |
पायल खो गई
शिवानी और महिना द्वारा लिखित
शेफाली जैन द्वारा सचित्र
एकलव्य द्वारा प्रकाशित
सुबह से पायल कहीं दिख नहीं रही, कहाँ गई… चलो उसको ढूंढने चलें।
बेटी करे सवाल
अनु गुप्ता द्वारा लिखित
करेन हेडॉक द्वारा सचित्र
एकलव्य द्वारा प्रकाशित
अनु गुप्ता ने स्त्री शरीर, उसके आंदोलन और समाज में स्थान से जुड़े ‘लिंग’ मुद्दों को गहराई से झंडी दिखाई। पुस्तक एक किशोर शरीर में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों को संबोधित करती है और सामाजिक विश्वास शरीर के बारे में किसी की धारणा को कैसे प्रभावित करते हैं। वास्तविक जीवन की कहानियां, अनुभव, कथन उठाए गए मुद्दे को बढ़ाते हैं।
प्यारी मैडम
रिंचिन द्वारा लिखित
शिवात्मिका लाला द्वारा सचित्र
एकलव्य द्वारा प्रकाशित
खतों से बुनी एक कहानी जो एक छोटी बच्ची लिख रही है अपनी मैडम को | इन खतों में ख़ुशी है, प्यार है, गुस्सा है , शरारत है और ढेरों सवाल है हम सब के लिए |
ज़िद्दी शन्नो
सीमा द्वारा लिखित
शर्वरी देशपांडे द्वारा सचित्र
एकलव्य द्वारा प्रकाशित
शन्नो को एक धुन सवार हुई| ये धुन लेकर आई लोगों की ढेर सारी बातें और साथ में चुनौतियाँ भी | शन्नो इन चुनौतियों से कैसे जूझती है उसको लेकर बुनी है ये कहानी |
मितवा
कमला भसीन द्वारा लिखित
शिवांगी द्वारा सचित्र
एकलव्य द्वारा प्रकाशित
रिश्तों की नाजुक बुनावट लिए मितवा की कहानी, हर उस लड़की की कहानी है जिसने मुश्किलों से हारना सीखा नहीं ।
माँ
कांचा इलैया शेफर्ड द्वारा लिखित
लोकेश खोडके और शेफाली जैन द्वारा सचित्र
एकलव्य द्वारा प्रकाशित
एक गडरिया बच्चा जो आज एक विश्वविद्यालय में प्रोफेसर है, अपनी जाति के लोगों को लामबंद करने के अपने माँ के संघर्षो को बड़े गर्व के साथ याद कर रहा है।
This National Unity Day on October 31st, read and discuss Parag books that celebrate the unique diversity of our country and the world at…
“In times of trouble, libraries are sanctuaries” – Susan Orlean, The Library Book.And so they are, at least in the pediatric cancer…