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“जंगल के रहस्य” यह एक कथेतर किताब है जिसे कल्पवृक्ष प्रकाशन एवं लास्ट विल्डरनेस फाउंडेशन ने पब्लिश किया है| जिसे लिखा है तान्या मजुमदार और शर्मीला देव ने, किताब का भाषांतर किया है भावना मेनोन ने| इस किताब का चित्रांकन सुषमा धुर्वे ने किया और चित्र गोंड चित्र शैली से प्रभावित है| यह किताब 80 पन्नो कि है और इस किताब का मूल्य मात्र 150 रुपये है|

किताब मे जंगल मे रहने वाले पक्षी, स्तनधारी प्राणी, तितलिया, सरीसृप, पेड़ एवं पौधे, इकोसिस्टम के बारे मे चित्रों के साथ जानकारी दी गयी है| किताब मे कई सारी गतिविधिया दी गयी है जो हमें अवगत कराती है जल, जमीं और जंगल के बारे मे किताब मे जो चित्र दिए गए है वह ब्लैक एंड व्हाइट है किताब बच्चों को सोचने को उकसाती है की उनके इर्द गिर्द कितनी विविधता है| सिर्फ पक्षियों की बात की जाये तो वो पाते है की उनके इर्द गिर्द चिड़िया, बुलबुल,कबूतर,कौआ, चिल एवं गिद्ध घुमते रहते है| ये किताब बच्चो और शिक्षको को अवलोकन के औजार देती है की किसी पक्षी को कैसे पहचाने, किन चीजो का निरिक्षण करे| उदहारण के तौर पर इस किताब मे दिया गया है की किन आधारों पर हम पक्षियों का वर्गीकरण करे जैसे की – कुल आकार और नाप, चोंच का आकार और नाप, पैरो का आकार एवं नाप, पंख और पूंछ का आकार, रंग, उड़ान और चाल का अंदाज, वास, आवाज|

किताब मे और भी जानकारी दी गयी है जैसे इकोसिस्टम क्या होती है, खाद्य शृंखला क्या होती है, कैसे यह एक दुसरे के ऊपर प्रभाव डालते है, यह किताब हमारा ध्यान इस तरफ भी खिचती है की कैसे हम जंगले नष्ट करके पर्यावरण को हानि पंहुचा रहे है, क्या कर सकते है हम ये रोखने के लिए इसका सुजाव भी देती है| एक जगह यह किताब कहती है “संरक्षण एक नयी धारणा नहीं है , हमारे पूर्वज इसका महत्व समज़ते थे और प्रकृति की सुरक्षा के लिए प्रयास भी करते थे, राजाओ और अन्य शासकों ने, प्रकृति को सुरक्षित रखने के लिए नियम भी बनाये थे| ऐसे कुछ मशहूर नियमो से जुड़ा है राजा अशोक का नाम, जिनके फरमानों मे जानवरों के प्रति इज्जत का जिक्र किया गया है ”|

इस किताब को पढ़ते वक्त मेरे मन मे मोगली का खयाल आया, क्योंकि वह जंगले मे रहता था तो वह सब कुछ जानता होगा, कितना आनंद लेता होगा वह जंगले मे रहने का| इसी तरह ये किताब बच्चो को जंगले के बारे मे अवगत कराती है| खास बात ये है की हर टॉपिक के बाद कुछ एक्टिविटी दी गयी है जो पढ़नेवाले को बांध के रखती है-ऐसी एक एक्टिविटी है भूल भुलैया जिसमे पक्षियों की विभिन्न खुराक एवं आहार ढूंढने है, यह आप तभी कर सकते है जब आप का अवलोकन अच्छा हो|

यह किताब शिक्षकों के लिए सन्दर्भ के तौर पर काम आ सकती है| यह किताब उन बच्चो के लिए बहुत ही अच्छी होंगी जिन्होंने कभी जंगल नहीं देखा होगा| यह किताब उनके समक्ष जंगले का पूरा चित्र पैदा कर सकती है| मुझे लगता है ये किताब जरुर पर्यावरण के प्रति सवेंदना जागृत कर सकती है| यह किताब तो हर लाइब्रेरी का हिस्सा होनी ही चाहिए|

स्वीडिश रचनाओं का गुलदस्ता: खुल जा सिम सिम

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पिछले महीने मैं उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में अपने काम के सिलसिले में गया था। एक सरकारी विद्यालय की लाइब्रेरी में एक मज़ेदार किताब मेरे हाथ लगी..

Navnit Nirav Parag Reads 27 December 2019

गिजुभाई के ख़जाने से आती गुजराती लोक कथाओं की खुशबू

गिजुभाई के ख़जाने से आती गुजराती लोक कथाओं की खुशबू

शिल्प और कथन के हिसाब से देखा जाय तो लोक-कथाएँ सम्पूर्ण जान पड़ती हैं। इन कहानियों को पहली पीढ़ी ने दूसरी पीढ़ी को, दूसरी ने तीसरी, तीसरी ने चौथी को सुनाया होगा…

Navnit Nirav Parag Reads 13 December 2019