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जंगली जीवों पर आधारित किस्सों के इस संकलन में बहुत रोमांचकारी कहानियां हैं जिन्हें पढ़कर पाठक बिलकुल मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। उस लिहाज़ से यह संकलन ऐसे दूसरे संकलनों के समान है। लेकिन जो बात इसे ख़ास बनाती है, वो इसके रोमांचकारी किस्सों से भी ज़्यादा यह है कि लेखक ने जंगली जीवों की आदतों, उनके हाव-भाव और उनकी संरचना आदि का बहुत बारीक वर्णन भी कहानियों में समाहित किया है और वह भी उनके रोमांच को बरकरार रखते हुए।
जैसा की नाम में ही निहित है, ये एक चोर की चौदह रातों का ताना-बाना है। हर रात की एक कहानी है और हर कहानी जीवन और दुनिया के कड़वे सच से रूबरू करवाती है। ये कहानियां पाठक को सोचने पर मजबूर करती हैं कि आखिर चोर, साधू-संत, भला या बुरा- क्या ये सब वर्गीकरण सचमुच इंसान के चरित्र और कर्म पर आधारित हैं या समाज द्वारा गढ़ा गया भ्रम। किशोरों के लिए ये कहानियां एक अनमोल खज़ाना हैं।
इस कहानी में वेदना और संवेदना दोनों हैं। कहानी में पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों और प्रकृति के प्रति बहुत ही संवेदनशील दृष्टिकोण उभर कर सामने आता है। लेकिन दूसरी ओर इस संवेदना को तार-तार करती हुई भौतिकवादी इंसान की प्रवृत्ति की तस्वीर भी उभरती है। दोनों के टकराव को लेकर यह बेहतरीन कहानी बुनी गई है। कहानी का नाम गोदाम क्यों है और उस गोदाम में इंसान की क्या जगह है, यह कहानी के अंत में पता चलता है।
परिवार में मौत जैसी दुःखद घटना बच्चों के मन पर गहरा असर डालती है। उसका सामना और भी मुश्किल हो जाता हैं क्योंकि अक्सर, परिवार के बड़े इस विषय पर बच्चों से बात नहीं करते और आसपास का वातावरण ग़मगीन होने के कारण बच्चों के मन में उठते सवाल और डर दबे -दबे से रह जाते हैं । यह किताब दादी के चले जाने के बाद बच्ची के मन में आनेवाले विचारों की प्रस्तुति है जो बच्चों को अपनी बात रखने का संवेदनशील अवसर, बड़ी कुशलता से देती है।
Bhai Tu Aisi Kavita Kyun Karta Hai
किताब की कविताएँ बच्चे के हाथ लगे किसी नए खिलौने जितना ही मजा देती हैं। बच्चे उन्हें उछालकर, घुमा फिरा कर, आगे-पीछे फेंककर और उनमें झाँककर कैसे भी खेल सकते हैंI I कविताओं के विषय और उनका अंदाजेबयाँ बेहद अनूठा हैI अर्थपूर्ण तुकबन्दियाँ, कल्पनाओं की निरंतरता, सुन्दर लयकारी, कविता में कहानी कहने का सलीका और सिलसिलेवार बतियाने का तरीका नायब है। कुछ कविताओं में से झाँकती मुस्कुराहटें, खुशियाँ और मस्तियाँ दिलचस्प हैं। कविता ‘एक कहानी कहनी है’ बार-बार गुनगुनाने का मन करता है। चित्र कल्पनाओं में नए रंग भरने और बातचीत के मौके बनाते हैं।
किताब में आम इन्सान के जीवन में रची बसी चीजों हवा, जल, मिटटी, आलू , साइकिल, मिर्ची आदि के बारे में नायब और अनसुनी बातें हैं I जो ललित निबन्ध सा आनन्द देते है। लेखक इन चीजों को अपनी अनोखी व बारीक नज़रों से देखते और अभिभूत करते हैं। चीजों को नज़दीक से देखने और बयाँ करने की सूक्ष्म दृष्टि मिलती है। सच्चाइयों और कल्पनाओं का तालमेल पढ़ने की उत्सुकता बनाए रखता है।
भाषा रवानगी और प्रस्तुतिकरण किताब को अनूठा बनाते हैं। चित्र भी उतने ही सलोने और बोलते हैं, जितनी इसकी छोटे-छोटे वाक्यों में सधी हुई भाषा । पाठक को समृद्ध भाषा व अभिव्यक्ति के विविध रूपों से परिचित होने के मौके मिलते हैं