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इस संकलन से पता चलता है कि सस्ती छपी किताबें भी कितनी सुरुचिपूर्ण हो सकती हैं। प्रभात और सुशील की कविताएं बहुत अच्छी हैं। अच्छी किताब का फोर कलर में होना कतई ज़रूरी नहीं। प्रोइती राय के चित्रों में बच्चों के चित्रों की सी सहजता है।
हर लिहाज़ से उत्कृष्ट किताब। एक बच्ची एक पिल्ले से इतना जुड़ाव महसूस करने लगती है कि वह हर समय उसी के बारे में सोचती है और उसे घर लाना चाहती है। माँ शुरू शुरू में बहुत संवेदनशील नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे मोह में पड़ी बच्ची की मनोदशा समझ उसे घर ले आने को तैयार है। अंतिम पन्ने पर शब्दों का अचानक चले आना एक नया और सुखद प्रयोग है, जैसे अंतर्मन में चल रहे भाव अचानक शब्दों से छुए गए हों। चित्रों में बच्चों के चित्रों की सी सहजता है जो कलात्मक युक्ति के रूप में सामने आती है।
A charming story of a dog who seems to belong to no one but who finally finds a name and a home. Diversity is naturally embedded in the story that shows the antics of the dog and the open-heartedness of the people. Beautiful illustrations add a layer in presenting the contemporary urban setting. A book full of love, for the dog and for the community that is joined together by its arrival.
कितना मज़ा आता ऐसे ही बैठकर एक चिड़िया या किसी भी पक्षी को फुदकते, अपना काम करते देखने में। इस छोटी सी कहानी में जब एक जलमुर्गी और उसके चूज़े लेखक के घर में घुस आते हैं तो कोई बहुत बड़ी बात नहीं होती। पर कहानी का अंत बहुत दिलचस्प है। एक ऐसी कहानी जो आपको याद रहेगी। बारीक चित्रांकन कहानी को विस्तार देता है। चूज़ों की हरकतों को कोमलता से हल्के रंगों में अंकित किया गया है।
This bilingual picture book, a big book, is a fantastic portrayal of solidarity, love and compassion. The book tells us that the whole living world, the universe, is a web of life. Every being needs to support the other in the circle of life, where one is a part of many and many a part of one.
किताब में सुविख्यात बाल साहित्य लेखक श्रीप्रसाद द्वारा बच्चों के लिए रची गई कविताओं को संजोया गया है। जिनमें बालमन की गहराइयाँ हैं, जीव-जीवन का स्पंदन है, रिश्तों की गरमाहट है, मनोरंजन, कौतुक और ज्ञान-विज्ञान है। शब्दों के खेल, सवाल और वह सब कुछ जो बच्चों को भाता है। कविताओं में यह सब इतना सहज,स्वाभाविक और लयबद्ध है कि बार बार पढ़ने-गुनगुनाने का मन करता है। चित्र प्रभावशील और कविताओं को उभारते से लगते है।‘ पौधा तो जामुन का ही था’ और ‘हाथी चल्लम चल्लम’ बहुत दिलचस्प हैं । ये कविताएँ हिंदी के आधुनिक बाल साहित्य की एक परम्परा से रूबरू कराती हैं।