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Titahri Ka Baccha

यह एक अनूठी कथा-पुस्तक है जिसे स्वयं बच्चों ने अपनी ज़िन्दगी की। बातों, घटनाओं और लोगों से बनाया है। लेकिन यह हाशिए का जीवन है। यहाँ धान की निंदाई है, जंगल में अचार बीनने की कहानी है, टिटहरी का बच्चा है और कबूतर का चौतरा जैसी मार्मिक कथा है। सब सच हैं और सब को अपनी बोली में बच्चों ने लिखा है। ऐसी रचना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह हर पढ़ने वालों को दूर दराज़ की जिन्दगी और लोगों तक ले जाती है जिससे हमारा हृदय और मन बड़ा होता है।

Jugnoo Prakashan (Ektara) 2020 Writings by Children Bhargav Kulkarni

Pedon Ki Amma

इस संग्रह की कविताओं की विषयवस्तु हमारा अड़ोस-पड़ोस है—हवा, धूप, पानी, बादल जैसी दैनंदिन जीवन की चीज़ें और उपस्थितियाँ। लेकिन कल्पना-शक्ति ने इनके नये नये संयोग बनाए हैं। ’सूरज का फूल खिला है,समय का फूल खिला है’…..सरीखी कविताएँ संसार को नयी नज़र से देखने और पहचानने का उद्यम हैं। छंद और लय का ललित व्यवहार करती ये कविताएँ सहज ही स्मृति में ठहर जाती हैं। साथ के चित्र रंगों का व्यंजक प्रयोग करते हुए कविताओं को प्रासंगिक पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं।

Jugnoo Prakashan (Ektara) 2022 Prabhat Bhargav Kulkarni

Hawa Mithai

किताब में आम इन्सान के जीवन में रची बसी चीजों हवा, जल, मिटटी, आलू , साइकिल, मिर्ची आदि के बारे में नायब और अनसुनी बातें हैं I जो ललित निबन्ध सा आनन्द देते है। लेखक इन चीजों को अपनी अनोखी व बारीक नज़रों से देखते और अभिभूत करते हैं। चीजों को नज़दीक से देखने और बयाँ करने की सूक्ष्म दृष्टि मिलती है। सच्चाइयों और कल्पनाओं का तालमेल पढ़ने की उत्सुकता बनाए रखता है।

भाषा रवानगी और प्रस्तुतिकरण किताब को अनूठा बनाते हैं। चित्र भी उतने ही सलोने और बोलते हैं, जितनी इसकी छोटे-छोटे वाक्यों में सधी हुई भाषा । पाठक को समृद्ध भाषा व अभिव्यक्ति के विविध रूपों से परिचित होने के मौके मिलते हैं

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Jugnoo Prakashan (Ektara) 2020 Arun Kamal Bhargav Kulkarni