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नए अनुभवों से गुजरने के लिए और नई-नई खोजों के लिए व्यक्ति का स्वतंत्र होना जरूरी है। यात्रा की बेहतर कहानियाँ अप्रत्यक्ष रूप से ‘स्वतंत्रता’ को एक मूल्य के तौर पर प्रतिष्ठित करती हैं। इस दृष्टि से यह किताब बहुत महत्त्वपूर्ण है। आमतौर पर औरतें जब यात्रा पर निकलती हैं तो परिवार के साथ निकलती हैं जिसमें पुरुष होते हैं और पुरुष ही यात्रा का नेतृत्व करते हैं। इस किताब में जिन यात्रियों का विवरण है वे बिना किसी पुरुष को साथ लिए इस यात्रा पर निकल जाती हैं। इस तरह यह हौसला देने वाली और इस वर्ष की महत्त्वपूर्ण किताब है।
‘बेटियाँ भी चाहें आज़ादी’ ताक़त और विश्वास के साथ स्त्रियों की हरसंभव स्वाधीनता की उद्घोषणा करती है। यहाँ साधारण से लगने वाले वाक्य भी नारों जैसी तात्कालिकता और ओजस्विता प्राप्त कर लेते हैं।जीवन के हर क्षेत्र में हर तरह की आज़ादी के बग़ैर स्त्री-पुरुष समानता संभव नहीं है।यह किताब संविधान प्रदत्त अधिकारों और मन की बात कहने की आज़ादी की माँग करती है।आकर्षक चित्रों से सज्जित यह किताब बेटियों की पू्र्ण स्वाधीनता का घोषणा-पत्र है।