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Chamanlal Ke Payjame

इस संग्रह की एक यादगार कहानी है बंदरों की जल-समाधि जो मनुष्य की विकास की दौड़ में मारे गए हैं। और उनकी मृत्यु को एक बच्चे की दृष्टि से पाठक को महसूस करवाना लेखक से परिपक्वता की अपेक्षा करता है। इस किताब में ऐसा लगता है कि हर कहानी के केंद्र में जैसे लेखक का अपना ही बाल-रूपी किरदार हो। कस्बाती और ग्रामीण जीवन के जीवंत विवरण एकदम आत्मकथात्मक गल्प की विधा में धीरे-धीरे खुलते हैं और पाठक तो एक तरह का काव्य-सुख प्रदान करते हैं।

Jugnoo Prakashan (Ektara) 2020 Anil Singh Taposhi Ghoshal