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तीसरा दोस्त

विनोद कुमार शुक्ल ऐसे बिम्ब और प्रतीक रचते हैं कि पाठक को गद्य में भी कविता का रस मिलता है। ‘तीसरा दोस्त’ एक छोटी कहानी है जिसमें एक एहसास पूरे जीवन की तरह समाया हुआ है। दो दोस्तों का गहरापन, उनका एक दूसरे में अभिन्न रूप से शामिल होना एक चमत्कार की तरह घटता है। अतनु राय के चित्र हमेशा की तरह इसमें एहसास का गाढ़ापन भरते हैं।

जुगनू प्रकाशन 2022 विनोद कुमार शुक्ल अतनु राय

स्याणा

स्याणा, सहजीवन और मानव व घरेलू जानवर के रिश्तों की मार्मिक कहानी है। यह अनूठे और अल्पज्ञात कतारिए समुदाय के रहन सहन, संस्कृति और विश्वासों से परिचित कराती है। साथ ही हम इस समुदाय के पालनहार ग्राम्य पशु ऊँट की शख्सियत, सौन्दर्य और चाल ढाल से रूबरू होते हैं। कई देशज शब्द मसलन स्याणा, कतारिए, चम्पाला, आदि के मायने जानने के लिए शब्दकोश का सहारा लेना पड़ता है, और यह कोशिश किताब से आत्मीय जुड़ाव बनाती है। सुन्दर चित्र कहानी के परिवेश को विस्तार देते हैं।

जुगनू प्रकाशन 2022 अनिरुद्ध उमट तविशा सिंह

मिट्टी का इत्र

मिट्टी का इत्र कहानी संग्रह एक गुदडी की तरह अलग-अलग रंगों और सुरों की कहानियों को जोड़ता है। दिलीप चिंचालकर की उत्सुकता और जिज्ञासा हर कहानी के ज़रिए हमें उत्साहित और प्रेरित करती है। बचपन के अनुभव, रोज़मर्रा की जिन्दगी, बड़ी हस्तियों से मुलाक़ात, कलाकारों की कहानियाँ , जानवरों के किस्से, क्या नहीं है इस किताब में! हर कहानी हमें सैर पर ले चलती है और पूरी किताब पढ़ने के बाद आपको लगेगा कि आप दुनिया की सैर कर आए! इस किताब को अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ पढ़ें और दुनिया की महक बांटे, मिट्टी के इत्र के साथ।

जुगनू प्रकाशन 2022 दिलीप चिंचालकर दिलीप चिंचालकर

इश्क का माता

इस कहानी संग्रह की सभी कहानियाँ चरित्र और कथानक के नज़रिए से बेजोड़ हैं।

कहानियाँ जितने अनूठे विषयों पर हैं, कही भी उसी अनूठेपन से गई हैं। कहानियों के कई पात्र हाशियाकृत समुदाय की ज़िन्दगी और जीवन मूल्यों को उभारती हैं। बेहद पठनीय, समृद्ध, ताज़ातरीन भाषा कहानियाँ पढ़ने को उकसाती है। गहरे रंगों से रचे गए प्रभावशाली चित्र कहानियों को और भी गहनता से देखने-समझने का नज़रिया देते हैं।

जुगनू प्रकाशन 2022 प्रियम्वद प्रशान्त सोनी

रज़ा के चित्र

यह मूल्यवान पुस्तक महान चित्रकार रज़ा के चित्रों को देखने और समझने का अप्रतिम उपक्रम है। लेखक की प्रस्तावना और टिप्पणियाँ, रंग, रेखाओं और रिक्त अवकाशों को व्याख्यायित करते हुए कला के सौन्दर्य का उद्घाटन करती हैं। ’वह जो अपने हर अंश में स्पंदित हो रहा है वही जीवन है’: लेखक ने रज़ा के दस विख्यात चित्रों के स्पंदनों को महसूस करने के नये कोण, दृष्टि और तत्जनित रसास्वादन से पाठकों को समृद्ध किया है।

जुगनू प्रकाशन 2021 उदयन वाजपेयी सय्यद हैदर रज़ा

बेटा करे सवाल

लड़कों की किशोरावस्था के शारीरिक, सामाजिक और भावनात्मक पहलुओं को शोधपरक तथ्यों के साथ प्रस्तुत करती एक उम्दा किताब है। यह किताब किशोरों की जिज्ञासाओं और अनुभवों को सामने रखते हुए इस विषय की गंभीरता से व्याख्या और विश्लेषण करती है। किताब के असरदार श्वेत-श्याम चित्र, विचारों और समझ को और अधिक स्पष्टता देते हैं। किशोर-किशोरावस्था के विविध पहलुओं के बारे में सूचनाओं, जानकारियों और तथ्यों को समाहित करते हुए इस विषय पर संजीदगी और भरपूर तैयारी से लिखी गई एक ज़रूरी किताब।

एकलव्य 2022 अनु गुप्ता और संकेत करकरे कैरेन हैडॉक और परमिता मुख़र्जी

पेड़ों की अम्मा

इस संग्रह की कविताओं की विषयवस्तु हमारा अड़ोस-पड़ोस है—हवा, धूप, पानी, बादल जैसी दैनंदिन जीवन की चीज़ें और उपस्थितियाँ। लेकिन कल्पना-शक्ति ने इनके नये नये संयोग बनाए हैं। ’सूरज का फूल खिला है,समय का फूल खिला है’…..सरीखी कविताएँ संसार को नयी नज़र से देखने और पहचानने का उद्यम हैं। छंद और लय का ललित व्यवहार करती ये कविताएँ सहज ही स्मृति में ठहर जाती हैं। साथ के चित्र रंगों का व्यंजक प्रयोग करते हुए कविताओं को प्रासंगिक पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं।

जुगनू प्रकाशन 2022 प्रभात भार्गव कुलकर्णी

जिसके पास चली गयी मेरी ज़मीन

यह अनूठी पुस्तक एक खेतिहर की कथा कहती है जिसकी ज़मीन छिन कर दूसरे के पास चली गयी है और उसी के साथ बादल, बारिश, सुगंध और मल्हार भी विदा हो गये हैं। अपने बिम्बों तथा संगीत के ज़रिए सब कुछ खोने की अनुभूति को यह कविता मार्मिकता से व्यक्त करती है। रंग -बिरंगे चित्र वातावरण को बखूबी व्यक्त करते हैं। यह कविता दूसरों के दुख और पीड़ा के साथ तादात्म्य स्थापित करने का उदाहरण है।

जुगनू प्रकाशन 2021 नरेश सक्सेना कविता सिंह काले

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