विनोद कुमार शुक्ल ऐसे बिम्ब और प्रतीक रचते हैं कि पाठक को गद्य में भी कविता का रस मिलता है। ‘तीसरा दोस्त’ एक छोटी कहानी है जिसमें एक एहसास पूरे जीवन की तरह समाया हुआ है। दो दोस्तों का गहरापन, उनका एक दूसरे में अभिन्न रूप से शामिल होना एक चमत्कार की तरह घटता है। […]
स्याणा, सहजीवन और मानव व घरेलू जानवर के रिश्तों की मार्मिक कहानी है। यह अनूठे और अल्पज्ञात कतारिए समुदाय के रहन सहन, संस्कृति और विश्वासों से परिचित कराती है। साथ ही हम इस समुदाय के पालनहार ग्राम्य पशु ऊँट की शख्सियत, सौन्दर्य और चाल ढाल से रूबरू होते हैं। कई देशज शब्द मसलन स्याणा, कतारिए, […]
मिट्टी का इत्र कहानी संग्रह एक गुदडी की तरह अलग-अलग रंगों और सुरों की कहानियों को जोड़ता है। दिलीप चिंचालकर की उत्सुकता और जिज्ञासा हर कहानी के ज़रिए हमें उत्साहित और प्रेरित करती है। बचपन के अनुभव, रोज़मर्रा की जिन्दगी, बड़ी हस्तियों से मुलाक़ात, कलाकारों की कहानियाँ , जानवरों के किस्से, क्या नहीं है इस […]