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“Blessed are the curious, for they shall have adventures!”

The evolutionary theory of Neoteny maintains that curiosity is inherently a child-like trait. Where we are today as a species is proof that we have relentlessly asked and sought answers to seemingly unanswerable (and unintelligible) questions, much like a child does.

It is important that children ask questions. For younger children, their curiosity is an important tool for cognitive development. As they grow older, questions help them understand the world around them and make sense of their experiences.

This Children’s Day, read these books about some curious children and the many many questions they
have!

Mini’s Questions

Author: Nandini Nayar
Illustrator: Isha Nagar
Publisher: Harper Collins

Inspired by her class teacher, Ritu Miss, to ask questions to learn more about the world, five-year-old Mini keeps her family busy with her why and where, when and who. But when these very questions take on a life of their own, her family sits up and notices and, in short, learns the importance of Mini’s Questions! Read this second story in the charming Mini-series to find out how Mini helped solve a mystery simply by asking the right questions!

Mini’s Questions is part of the Parag Honour List 2021/.
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Mini’s Questions

The Why Why Girl

The Why Why Girl

Author: Mahashweta Devi
Illustrator: Kanyika Kini
Publisher: Tulika Publishers

Also available in Hindi, Marathi, Malayalam, Telugu, Gujarati and Kannada

Moyna lives in a little tribal village. She cannot go to school because she has to tend goats, collect firewood, fetch water… But she is so full of questions that the postmaster calls her the ‘why-why girl’! In this inspiring and delightful story, her first picture book, acclaimed Jnanpith award-winning writer Mahasweta Devi tells us how she meets Moyna (and her mongoose) and helps her find answers to all the why-whys – in books, that Moyna herself learns to read. Some of the translations have been done by well-known writers: Malayalam by Paul Zacharia, Tamil by Ambai, and Kannada by Girish Karnad.

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What Will I Be?

Author: Nandini Nayar
Illustrator: Francesco Manetti
Publisher: Karadi Tales

Sameer knows that he can be anyone! But there’s one thing that will never change. Find out what that is as you accompany Sameer on his flight of imagination. Nandini Nayar’s simple and wise little story springs into life with Francesco Manetti’s vivid and fantastic artwork.

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What Will I Be?

The Boy Who Asked Why

The Boy Who Asked Why

Author: Soumaya Rajendran
Illustrator: Satvik Gade
Publisher: Tulika Publishers

Also available in Hindi, Marathi, Malayalam, Telugu, Gujarati and Kannada

Why do I have to sit separately in a corner of the classroom? Why can’t I drink water from the tap like other children? Why do the teachers never touch my books? The ‘whys’ shout louder in little Bhim’s head as he grows up, trailed constantly by the monster of untouchability. They catapult him into a lifetime of struggle for equality. And they shape the remarkable ideas that are the cornerstone of the Indian Constitution, which he drafted as India’s first Law Minister. With quirky imaginative visuals, this is the story of an extraordinary icon who will inspire children to ask their own whys.

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जल्द बहुत जल्द

लेखन: फ़रीदेह खलतबरी
अनुवाद: तुलतुल बिस्वास
चित्रांकन : अली अनवर
प्रकाशक : एकलव्य

एक बेटी के सतत सवाल और माँ के दुलार भरे जवाब|

यह किताब यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं
यह किताब पराग के सहयोग से निर्मित है।

जल्द बहुत जल्द

रानू .. मैं क्या जानूँ ?

रानू .. मैं क्या जानूँ ?

लेखन: असगर वजाहत
चित्रांकन : अतनु रॉय
प्रकाशक : जुगनू प्रकाशन, इकतरा

“यह राष्ट्रपति भवन का चित्र है पापा?”
“हाँ बेटा , राष्ट्रपति भवन का चित्र है।”
“इसमें कितने कमरे हैं पापा?”
“इसमें 340 कमरे हैं बेटा।”
“तो इसमें कितने राष्ट्रपति रहते हैं पापा?”

यह किताब यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं

यह किताब पराग ऑनर लिस्ट 2020 का हिस्सा है।

छुटकी उल्ली

लेखन: माइक थेलर
अनुवाद: तेजी ग्रोवर
चित्रांकन: कनक शशि
प्रकाशक : एकलव्य

क्या तुमने कभी सोचा है की समुद्र कितना गहरा है? आसमान कितना दूर है? छुटकी उल्ली इन सवालों के जवाब ढूंढ़ने मे तुम्हारी मदद करेगी।
यह किताब पराग के सहयोग से निर्मित है।

यह किताब यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं

इसे यहाँ भी पढ़ सकते है

छुटकी उल्ली

अनारको के आठ दिन

अनारको के आठ दिन

लेखन: सत्यु
प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन

अनारको बात-बात पर सवाल करती है — और सही जवाब न मिलने पर झुंझलाती है — बड़ों की तरफ से थोपे गए अनावश्यक अनुशासन से विद्रोह करती है — सोचती है कि वह क्या करे, क्या बने, यह सब पापा और मम्मी ही क्यों तय करते हैं? वे उसकी अपनी इच्छा जानने की कोशिश क्यों नहीं करते? कई बार बैठे-बैठे अनारको ख्यालों में खो जाती है और कल्पना में वह सब देखना शुरू कर देती है जो वह अपने लिए चाहती है।’अनारको के आठ दिन’ शीर्षक से लिखी किताब एक फैंटेसी कथा है, जिसमें अनारको के आठ सपनों का जिक्र है।

यह किताब यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं

इसका एक अंश यहाँ भी पढ़ सकते हैं

बेटी करे सवाल

बेटा करे सवाल

बेटी करे सवाल

लेखन: अनु गुप्ता
चित्रांकन : कैरन हैडॉक
प्रकाशक : एकलव्य

बेटा करे सवाल

लेखन: अनु गुप्ता, संकेत करकरे
चित्रांकन : कैरन हैडॉक , पारमिता मुख़र्जी
प्रकाशक : एकलव्य

किशोरावस्था जीवन का एक अहम पड़ाव होता है जब शरीर में तरह-तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। इन बदलावों को लेकर बच्चों के मन में अनगिनत सवाल होते हैं। दिक्कत यह है कि हमारे बन्दसामाजिक ताने-बाने में इन सवालों पर खुली व सुलझी बातचीत होने की गुंजाइश बहुत ही कम होती है।

ऐसी स्थिति में बच्चे अक्सर भ्रामक व गलत धारणाओं का शिकार बन जाते हैं जिनके नतीजे कई बार बेहद तकलीफदेह साबित होते हैं। इसी बात को ध्यान में रखकर एकलव्य की दो पुस्तकें – बेटी करे सवाल और बेटा करे सवाल प्रकाशित हुई हैं। दोनों किताबों में किशोरावस्था के शारीरिक पहलुओं के साथ-साथ सामाजिक व भावनात्मक पहलुओं पर भी गम्भीर चर्चा की गई है। उम्मीद है कि यह किताब न सिर्फ किशोरों के लिए बल्कि शिक्षकों, अभिभावकों व आम लोगों के भी कई सवालों के उत्तर देगी।

दोनों किताबें पराग के सहयोग से निर्मित है।
बेटी करे सवाल यहाँ पढ़ सकते हैं

Children’s Books: An Indian Story

“Children’s Books: An Indian Story” works rather like the kaavad of the travelling storyteller in the way it opens up many windows,….

Jane Sahi Parag Reads October 2024 English

ज्ञान की जड़ संदेह

‘बस्ते में सवाल’ एक नये ढंग की कहानी है जो शुरू तो होती है बच्चों के बस्ता झाड़ने के एक दैनंदिन अनुभव से, लेकिन अंत होते-होते वृहत्तर सामाजिक-राजनैतिक परिप्रेक्ष्य से जुड़ती है, और…

Arun Kamal Parag Reads 05th September 2024 Hindi