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‘बस्ते में सवाल’ एक नये ढंग की कहानी है जो शुरू तो होती है बच्चों के बस्ता झाड़ने के एक दैनंदिन अनुभव से, लेकिन अंत होते-होते वृहत्तर सामाजिक-राजनैतिक परिप्रेक्ष्य से जुड़ती है, और…
बच्चों के लिए रचित कविताओं की दुनिया कितनी बदल चुकी है, इसका अंदाज़ वरुण ग्रोवर की यह छोटी सी किताब सहज ही दे देती है। बिल्ली-चूहे या बने बनाए छंदों में उपदेश परोसने वाली…
पीपुल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया ,यानी पारी, ग्रामीण भारत में अधिकार-च्युत लोगों व समुदायों की सच्ची जीवन-स्थितियों पर आधारित कथा-पुस्तकों का निर्माण कराती है…
दोस्ती विश्व साहित्य का प्राचीन एवं शाश्वत विषय है। पंचतंत्र और ईसप-कथाओं से लेकर आज की लोकप्रिय फ़िल्मों तक अलग अलग काल और समाज में दो लोगों के साथ होने…
वैसे तो कविता लिखना ही मुश्किल है, लेकिन बच्चों के लिए लिखना, और अच्छा लिखना, सबसे मुश्किल काम है। यहाँ कई बातों को ध्यान में रखना पड़ता है और कई चीजों को…
किशोरावस्था की बातें छूट न जाएं
हिन्दी में ऐसी किताबें अभी भी कम हैं जो सहानुभूति के साथ वैज्ञानिक दृष्टि से किशोरों और किशोरियों की दैहिक-मानसिक समस्याओं पर बेहिचक बात करें और उचित…