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एलईसी के बाद खुला बाल साहित्य का संसार
कुँवर सिंह ने छत्तीसगढ़ के पेण्ड्रा जिले के खोडरी खोंसरा गाँव में रहते हुए 2007 में बारहवीं पास की। फिर स्थानीय शिक्षक कृष्णानन्द पांडे ने रायपुर के घासीदास महाविद्यालय जाने के लिए कहा।…
‘एलईसी’ के बाद खुद को ‘लाइब्रेरी एजुकेटर’ कह पाया
तेरह साल लगे मुझे अपनी तैयारी में। हायर एजुकेशन के बाद यह तो तय था कि डेवलपमेंट सेक्टर में ही काम करना है और घर में पढ़ने लिखने का माहौल था सो एजुकेशन का क्षेत्र महत्वपूर्ण जान पड़ता था।…
एक हलचल जो बदलने चली है जिले की तस्वीर
कटनी जिले में डाइट व्याख्याता राजेन्द्र असाटी मानते हैं कि एलईसी ने उन्हें पूरी तरह बदल दिया है। न सिर्फ पुस्तकालय को लेकर बल्कि बच्चों के बारे में, सामान्यतः इंसानों के बारे में,…